Skip to main content

पवन छन्द(गहना)

🌹  ♡पवन छंद♡  🌹

शिल्प ~ [भगण तगण नगण सगण]
(211   221  111  112)
12 वर्ण प्रति चरण,यति{5,7}
4 चरण, 2-2 चरण समतुकांत

           गहना

भावत  मोहे, तन पर गहना|
संगत  तेरी, हर  पल रहना||
पायल बोले, झुन झुन सजनी|
चंदन  टीका, सुखमय  रजनी||

हार गले का, पुलकित करता|
कंगन तेरा, मुद  मन भरता||
नैयन  काले, भटकत मनवा|
सोहत चूड़ी, कहत सजनवा||

मंगल मोती, सुरभित लगते|
टीसत रातें, तुम बिन जगते||
मोहत  मोहे, चमकत  गहना|
नाहक होगा, हम बिन रहना||

©डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

Comments

Popular posts from this blog

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...