दोहा भगत/साहिल

[15/08 02:31] भगत गुरु: 👌🙏 विनत हूँ आपके समक्ष

*आज पटल की शान थे, साहिल दिल के मीत |*
*दूजे   जो   पहचान   थे, सरस.  निभाते   प्रीत ||*
©भगत
[15/08 03:01] Rahul Shukla: *साहिल सरस सलिल बने, हो यदि मम गुरु प्रीत|*
*नभ में सागर जल भरें, मिले हमें गर मीत||*
      साहिल🙏🏻

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