◆वर्ष छंद◆
विधान~
[ मगण तगण जगण ]
(222 221 121)
9वर्ण,4 चरण,
दो-दो चरण समतुकांत]
ॐ 卐 राम 卐 ॐ
आओ पूजै दीन दयाल |
वो है प्यारे राम कृपाल||
पाते हैं सारे सुख धाम |
जो भी गावै वंदन राम||
जैसे वीणा के लय तार |
वैसे ही है जीवन सार ||
माया से जाओ अब जीत|
गाओ सीता राम पुनीत||
आएँगे मेरे प्रभु राम|
तेरा प्यारा है जग नाम ||
पायेगा सारे मन काम |
ध्यावै जो भी श्री जय राम||
© डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
वर्ष छंद
मतज(222,221,121)
9वर्ण,4चरण,2-2समतुकांत
माया देखा संग तिहार।
लीला न्यारी है करतार।।
जागो - जागो नाथ हमार।
तू ही तो है पालन हार।।
काली दुर्गा का तुम रूप।
सेवें जाही सों सुर भूप।।
मेधावी वो है बन जाय।
माता का जो भी वर पाय।।
कौशल कुमार पाण्डेय"आस"
♢ वर्ष छंद ♢
विधान~ [मगण तगण जगण ]
(222 221 121)
[9 वर्ण,4 चरण, दो-दो चरण समतुकांत]
तेरा मेरा भारत देश|
आजादी का है परिवेश||
साथी कोई छूट न जाय|
आओ गाएँ गीत सजाय||
वो भाई थे वीर शहीद |
राणा जी आजाद हमीद||
छीनोगे जो आ अधिकार |
बोलेगी पीड़ा सिसकार||
है तानाशाही सरकार|
रोजी-रोटी चीख-पुकार||
तानाशाही है जब शेष|
होगा जोशीला परिवेश||
✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
दिलीप कुमार पाठक "सरस"
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