जय श्री कृष्ण
कान्हा कान्हा मैया पुकारे।
गोद बिठा कर लाल दुलारे।
खाले कान्हा माखन रोटी।
खेल खिलौने फिर्की छोटी।
ग्वाल बाल संग खेलने जारे।
कान्हा कान्हा--
आगे मोहन पीछे है मैया।
हाथ न आवे कृष्ण कन्हैया।
थक कर मात यशोदा बैठी।
लल्ला मेरे , अब रुक जारे।
कान्हा कान्हा---
नन्दजी खड़े आँगन मुस्काये।
देख लाल को अति हर्षाये।
लीला श्याम की लागतप्यारी।
यशोमति भी तन मन वारे।
कान्हा कान्हा--
इन्दू शर्मा शचि
तिनसुकिया असम
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