Skip to main content

रक्षाबंधन (निर्मल दादा)

🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
*****************
*****************
रक्षा बंधन का संदेश
****************
*****************

राखी को त्योहार न समझो
राखी एक विचार है।
हर नारी की रक्षा ही
मानवता का सिंगार है।।राखी----

आंच न आये इन पर कोई
काली घटा न छाये कोई
इनके अंधरों की मुसकानें
पतझड़ नहीं चुराये कोई
नारी का सम्मान  जहां है
टिकती वहीं बहार है।। राखी-----

कहीं न हो उत्पीड़ित कोई
नहीं कोई आत्मा हो सोई
ऐसी दिव्य वाटिकाएं ही
सके चतुर्दिक जायें बोई
तभी हमें रे जय माता की
कहने का अधिकार है।। राखी----
सारा विश्व बनें मनभावन
यही सिखाने आता सावन
पुरुष बनें सारे शिव सुन्दर
हों नारी गौरा सी पावन
बनें सुसंस्कृत धरती सारी
हरना हर अंधियार है।। राखी----

जागेश्वर प्रसाद निर्मल
अजमेर (राजस्थान)
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

Comments

Popular posts from this blog

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...