💐🙏🏻🌺⛄☃🌺🙏🏻💐
माँ यशोदा श्री कृष्ण कन्हैया के लालन - पालन में परेशान हैं, खुश भी हैं, थोड़ा हैरान है, माखन खिलाए जल्दी मथ के ललना को, जल्दी से तब धरती पर ये चलना सिखे, इनकी लीला से हम अचंभित है,
पैर ऐसे धरे जैसे चल ही देगें,
मन ऐसे मचले जैसे सब कुछ दिखे,
जैसे सब है जानत,
बृज यही है मानत,
ये है छोटा ललन,
ये है हमरा ललन|
¤ डमरू घनाक्षरी ¤
लटकत झटकत,
पग धरत धरत,
सर पर पटकत,
धम धम करत|
सरकत लपकत,
झट झट पलकत,
नयन मन कहत,
झपकत टपकत |
तन मन मचलत,
कर पद चमकत,
नभ सम महकत,
मम मद मरदत|
जग मम दरशत,
ललन पलन र
मखन चटन मथ,
चल अब सरकत||
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
🙏जय जय🙏🏻
Comments
Post a Comment