🙏🏻💐🙏🏻💐🙏🏻💐🙏🏻💐🙏🏻 आज की समीक्षा समय-दोपहर २बजे से शाम ६ बजे तक कि रचनाएँ 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 (१)विवेक दुबे"निश्छल",,२:५९ विवेक दुबे लिखते हैं रचना हार जीत की| बताये राज़ न जाने कैसे कैसे सोचनीय हैं| बताई हार अपनी इच्छाओं की लेके चले जो| अति सुन्दर बधाई हो आपको रचना हेतु| 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 (२)संतोष कुमार"प्रीत",३:०१ संतोष जी लिखते कुंडलिया हार जीत की। संग्राम होता जीवन ही सबका रहो तैयार। प्रीत की रीत बताते सबको ये बधाई"प्रीत"। 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 (३)शिवम यादव,४:०८ शिवम जी ने बता दिया है सार हार जीत का। न मानो हार भारत के पूत हो खूब लिखा है। रति देती है बधाई आपको ये जीतो सदा ही| 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 (४),बृजमोहन श्रीवास्तव "साथी",४:०९ बृजमोहन लिखते तुलसी की महिमा सुनो। वृंदा महान बताते रचना में नमन है जी। एकादशी की महिमा बताते हैं सब ही जानें। घनाक्षरी है अति मनभावन बधाई रखें| 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 (५)नीतेंद्र सिंह परमार,४:१७ नीतेंद्र जी ने माता की महिमा को लिख दिया है। वर चाहें वे चले
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ