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आ• रति ओझा जी की समीक्षा(31/10//2017)

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आज की समीक्षा
समय-दोपहर २बजे से शाम ६ बजे तक कि रचनाएँ
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
(१)विवेक दुबे"निश्छल",,२:५९

विवेक दुबे
लिखते हैं रचना
हार जीत की|

बताये राज़
न जाने कैसे कैसे
सोचनीय हैं|

बताई हार
अपनी इच्छाओं की
लेके चले जो|

अति सुन्दर
बधाई हो आपको
रचना हेतु|
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
(२)संतोष कुमार"प्रीत",३:०१

संतोष जी
लिखते कुंडलिया
हार जीत की।

संग्राम होता
जीवन ही सबका
रहो तैयार।

प्रीत की रीत
बताते सबको ये
बधाई"प्रीत"।
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
(३)शिवम यादव,४:०८

शिवम जी ने
बता दिया है सार
हार जीत का।

न मानो हार
भारत के पूत हो
खूब लिखा है।

रति देती है
बधाई आपको ये
जीतो सदा ही|

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
(४),बृजमोहन श्रीवास्तव "साथी",४:०९

बृजमोहन
लिखते तुलसी की
महिमा सुनो।

वृंदा महान
बताते रचना में
नमन है जी।

एकादशी की
महिमा बताते हैं
सब ही जानें।

घनाक्षरी है
अति मनभावन
बधाई रखें|

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
(५)नीतेंद्र सिंह परमार,४:१७

नीतेंद्र जी ने
माता की महिमा को
लिख दिया है।

वर चाहें वे
चले सदा कलम
माँ शारदे से।

सुन्दर है जी
ये रचना आपकी
बधाई देती|

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
(६),,विश्वेश्वर शास्त्री"विशेष",,४:१८

"विशेष जी ने
लिख दिया सुन्दर
प्रेम गीत है|

हार गए हैं
मन को अपने ये
मीत बनाके| 

हुआ गीत है
ये प्रेम प्रेममय
मनभावन|

देती बधाई
इस गीत के लिए
स्वीकार करें| 

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
(७),विश्वेश्वर शास्त्री"विशेष",,४:५६

"विशेष"जी ने
फिर से लिख डाला
चौपाई छंद।😁😁

एकादशी का
महत्त्व बता रहे
कथा सुहानी|

ज्ञानयोग्य है
सब ही जाने अब्
कथा लिखी जो|

बधाई देती
इस रचना हेतु
पुनः आपको|

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
(८),,कौशल कुमार पांडे"आस",५:०८
ध्यान लगाओ
प्रभु चरणन में
बतलाते हैं|

मंत्र देते हैं
निराशा त्यागने का
प्रभु साथ हैं|

बधाई हो जी
ये उत्तम रचना
ज्ञानवान है|

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
             रति ओझा
           🙏🏻🌼🙏🏻

दूसरी बार समीक्षा का प्रयास है किसी प्रकार की  ,,,,,,,त्रुटि हेतु क्षमा चाहूँगी,,,,,,वैसे तो सभी की रचनाओं की समीक्षा की है,,,,यदि कोई रचना छूट गई हो तो मुझे अवश्य बतायें|
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏

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