गोवर्धन पूजा
सकल भाव से पूजना, प्रभु का निशदिन धाम|
मन चाहा सुख ही मिले, पूरन हो सब काम||
गो वर्धन गिरि पूजते, बृज वासी हर रोज|
घोर वृष्टि से रक्षणा,कान्हा अनुपम खोज||
देवराज लख दंग भयो,गिरि नीचे बृज ग्वाल|
सारा मद तब मर गयो,कान्हा है बृजलाल||
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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