[12/24, 10:42] +91 99350 40018: पर्वत राज है ताज शीश का सागर पॉव पखारा है, एक से बढ़ कर एक यहां पर सुंदर सुलभ नजारा है। अपने हाथों से प्रकृति ने जैसे इसे सवारा है, सारी दुनिया से बढ़ कर यह भारत देश हमारा है।। सन्तोष कुमार 'प्रीत' [12/24, 11:57] +91 81096 43725: मुक्तक पर्वत राज बने गिरधारी,अंगुली गोबरधन धारी हैं। जिसके नीचे खड़े सखा सब,मित्र मधुर बल धारी हैं।। भारत में जो रचना रच गई,और कही ना रच पाये। पर्वत जो मान बढ़ाया,मोर मुकुट बंशी धारी हैं।। - नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत " छतरपुर ( मध्यप्रदेश ) सम्पर्क :- 8109643725 [12/24, 14:05] नवीन कुमार तिवारी: पहाड़ आईये पहाड़ चले , कुछ तो ऊपर चले । शुभ यात्रा कर चले , पयर्टन करिए ।। हरी भरी पर्वत ये , चक्करदार घाटी ये । ऊपर नीची वादी ये , पयर्टन देखिये ।। पहाड़ो पर तराई , सुरम्य नजर आई । कूप से गहरी खाई , पयर्टन सीखिए ।। ठंडी सर्पीली नदियाँ , घुमावदार वादियाँ । पाषाण पे चढ़ाइयाँ, पयर्टन चलिए ।। नवीन कुमार तिवारी , [12/24, 16:24] +91 84219 68089: *मदिरा सवैया* शिल्प~[२११*७+२/यति १०,