◆अहीर छंद◆
विधान~[प्रति चरण 11 मात्राएँ,
चरणान्त जगण(121),
दो दो चरण तुकांत।]
करिये तनिक विचार।
अपनी मति अनुसार।।
सभी करें सहयोग।
तन मन होय निरोग।।
कितने घातक रोग।
समझेंगे कब लोग।।
बढ़ते जाय विकार।
पर्यावरण सुधार।।
~शैलेन्द्र खरे"सोम"
[12/7, 00:47] Dr. Rahul Shukla:
◆अहीर छंद◆
विधान~[प्रति चरण 11 मात्राएँ,
चरणान्त जगण(121),
दो दो चरण तुकांत।]
करिये प्रियतम प्यार|
पहने नव लख हार||
सजनी मन मलहार|
रमता धुन बलिहार||
लगती तुम मझधार|
विनती सुन हरि हार||
उजला मनसुख देख|
भरता गुन हिय लेख||
डॉ. राहुल शुक्ल साहिल
Comments
Post a Comment