_त्वरित समीक्षा का प्रयास_
दिनांक - 22/12/2017
समीक्षक - डॉ० राहुल शुक्ल साहिल
विषय - नख / नाखून
⭕ आ० कौशल कुमार पाण्डेय आस जी,
वाहहहहह उत्तम उत्कृष्ट भाव,
कुण्डली छन्द प्रतीत हो रहा है,
हिरण्यकश्यप वध में श्री हरि विष्णु के सिंहावतार में नख द्वारा हिरण्यकश्यप वध की सुध दिलाता आपका सर्जन सदैव की तरह उत्तम है|
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⭕ आ० इन्दु शर्मा जी
वाहहहहह बेहतरीन भाव निकाला है आपने
नाखून ने सकारात्मक और नकारात्मक दोनों उपयोग को कम ही शब्द में वर्णित कर दिया|
जय जय बधाई हो आपको|
💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻💅🏻
⭕ आदरणीय दिलीप कुमार पाठक सरस जी की तारिफ़ के शब्द तो साहिल के पास भी नही है,
वाहहहहह
वाहहहहह
वाहहहहह
वाहहहहह बेहतरीन अप्रतिम जबरदस्त कमाल जानदार
💅🏻😡🍁😃😀🙏💅🏻😃😡🍁
हास्यपूर्ण चम्पू गुम्फन में कोई भी अंत तक बंधा ही रहेगा,
पूरा पढ़े बिना कोई भाग नही सकता,
मुंह से आह निकाल बिना कोई भाग नही सकता|
सोता हुआ भी जग जाएगा,
आपकी रचना पढ़कर गूंगा भी बोल उठेगा, अंधा भी नाचेगा, दुखी भी हँसने लगेगा|
सभी के नाम को समाहित करती हुई आपकी रचना व्यंजना शैली में जय जय का इतिहास रच रही है|
आत्मिक बधाई
💅🏻रथोद्धता छंद💅🏻
रगण,नगण,रगण + लघु-गुरु
( 212 ,111 ,212 ,12 )
११वर्ण, ४ चरण, दो-दो चरण समतुकान्त।
भावना उदित हो रही गुनो|
व्यंजना मुदित बोल को सुनो||
रात का ललक चाँदनी चुने|
भोर की चमक ओज सा बुने||
🌹साहिल🌹
⭕ आ० विश्वेश्वर शास्त्री जी,
वाहहहहह बेहतरीन हास्य भाव आपकी कुण्डलिया बेहतरीन रहती है,
लाल लाल आँखों से दूरी ही सही है|
😃😜🙏💅🏻😡😡😡😡😀😃😃
⭕ आ० साधना कृष्ण जी,
जीवन सुर- संगीत विशेषी|
नख सिख सुंदर नारी देखी|
उत्तम उत्कृष्ट भाव सर्जन बधाई हो|
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⭕ आ० नवीन कुमार तिवारी जी
जय हो सुंदर भाव,
थोड़ा दादा शिल्प पर ध्यान दें तो अति उत्तम |
🙏👌👌👌👌😃🙏🙏🙏
⭕ आ० विवेक दुबे जी
उत्तम उत्कृष्ट भाव,
पाखण्डी बाबाओ को सबक सिखाओ|
🙏👌👌👌👌👌👌👌👌🙏
⭕ आ० नीतेन्द्र सिंह परमार जी
बेहतरीन लिखा है,
नाखूनों की सफाई और समय पर कटाई बहुत आवश्यक है|
बधाई हो|
🙏👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏
🙏 जय जय 🙏
ReplyDeleteहम बस कुछ कहते है
अपनी टूटी फूटी बातो में
हम इस काबिल नहीं
जो जगह बना सके
साहित्य के नगीनों में
...."निश्चल' विवेक....
सादर धन्यवाद आ० विवेक दुबे निश्चल जी आपके निश्चल मन को नमन है|
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