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साहिल का साहित्यिक परिचय

        ☆जीवन परिचय ☆

 नाम - डाॅ• राहुल शुक्ल

साहित्यिक नाम - साहिल

पिता - श्री बुद्धि नारायण शुक्ल  

माता - श्रीमती कान्ती शुक्ला 

विवाह - श्रीमती कान्तिप्रभा शुक्ला (2009)  

सन्तान - पुत्र (6वर्ष) अंशुल शुक्ल

शैक्षणिक योग्यता - स्नातक कला 2006 उ•प्र• राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद उ• प्र•

व्यवसायिक योग्यता - बी•एच•एम•एस (BHMS) 2008 जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर म•प्र•

अभिरूचि - अध्यात्मिक अध्ययन, हिन्दी साहित्यिक अध्ययन व लेखन एवं चिकित्सकीय सामाजिक सेवा 

साहित्यिक गतिविधि -
1) साहित्य संगम संस्थान [पंजी सं• 1042] द्वारा "साहित्य रत्न 2016" सम्मान अलंकरण

2) साहित्य संगम संस्थान द्वारा विषयगत दैनिक सर्जन प्रतियोगिताओं में 50 से अधिक सम्मान पत्र अलंकरण प्राप्त हुए|

3) "साहित्य संगम संस्थान [पंजी सं• 1042] इलाहाबाद की साझा संकलन पुस्तक (जनवरी 2017)  "एक पृष्ठ मेरा भी"  में कुछ कृतियाँ प्रकाशित एवं सम्मान पत्र अलंकरण"

4) साहित्य संगम संस्थान की छन्द संकलन पुस्तक "छन्द कलश" मार्च (2017) में कुछ छन्द प्रकाशित

5) "आर्य समाज इन्दौर की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका (मार्च 2017) "वैदिक राष्ट्र" में रचना प्रकाशन का सौभाग्य"

6)विश्व हिन्दी समाज इलाहाबाद की पुस्तक "स्नेह समाज" (2017) में रचना प्रकाशित

7) "राज रचना साहित्य समिति" गुढ़ियारी, रायपुर छत्तीसगढ़ एवं छ• ग• सरकार के सम्मिलित सहयोग से  'बेटी-पढ़ाओ, बेटी-बचाओ' अभियान के तहत "बेटी" विषय पर पुस्तक में रचना प्रकाशन (सितम्बर 2017) एवं संस्था द्वारा सम्मान पत्र का सौभाग्य प्राप्त हुआ|

8) साहित्य संगम संस्थान एवं आर्य समाज इन्दौर के सम्मिलित सहयोग से मेरी पहली लघु पुस्तिका 18 कृतियों से सुसज्जित प्रकाशित हुई|

9) जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति पीलीभीत उ० प्र० के  इण्टरनेट व "इलेक्ट्रानिक मल्टीमीडिया साहित्य " के  माध्यम  से   पद निर्वहन करते हुए अनेकों सम्मान पत्र प्रति माह प्राप्त कर रहा हूँ एवं हिन्दी व्याकरण तथा साहित्यिक सर्जन के द्वारा भाषा उन्नयन की साधना कर रहा हूँ |

         वर्तमान समय में संजीवनी वेलफेयर सोसायटी के मिशन हेल्दी इंडिया परियोजना के तहत "विभागाध्यक्ष चिकित्सक पैनल" पद पर कार्यरत हूँ एवं साहित्यिक लेखन व अध्ययन जारी है|

स्थायी पता - 
 302/4 शिवकुटी, तेलियरगंज, इलाहाबाद, उ•प्र• 211004  
ई• मेल - rsrahulshukla9@gmail.com 

मोबाइल - 
9452673592
7843954201

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कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं   ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म)  =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~

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