🍁 लीला द्वादस छंद 🍁
[12,12 मात्राओं पर यति अंत में जगण"]
ममता
माता करती दुलार |
ममता जीवन पुकार||
वंदन शत शत प्रणाम|
माता है स्वर्ग धाम||
गूंजे प्रतिभा ललाम|
प्रेरित शुभ सकल काम||
भागे सब राग द्वेष|
कौशल निखरे विशेष||
समता संघर्ष सार|
माता वात्सल्य धार||
पावन गंगा महान|
धरती माता विहान||
© डॉ० राहुल शुक्ल साहिल
लीला द्वादस छंद
[12,12 मात्राओं पर यति अंत में जगण"]
राम
अपना कारज सुधार,
जीवन हर - पल विचार|
कर लो जनहित सुकाज,
गूंजे स्वर संग साज||
भटकत कारण शरीर |
आत्मा समरथ समीर||
सेवा सहकार स्नेह|
अवगुण बेकार देह||
क्रोध लोभ दो नकार|
बंधन भव दो उबार||
वंदन कोटिन प्रणाम|
मर्यादित पुरुष राम||
© डॉ० राहुल शुक्ल साहिल
लीला द्वादस छंद
[12,12 मात्राओं पर यति अंत में जगण"]
तारा
स्नेह सरिता सहकार|
बाजै संगीत सार ||
फड़कत रदपुट लाल|
चमके है बाल गाल||
नूतन महके पराग|
सोहत सूरत सुराग||
तारा सोहत समान|
नैना जैसे कमान||
प्रेम सुख पाऊँ ओज|
सब को कराऊँ भोज||
तारा मन-सुख पुकार|
जीवन अब दो सँवार||
© डॉ० राहुल शुक्ल साहिल
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