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भगत सहिष्णु जी (परिचय /लेख)

[12/18, 11:59] Dr. Rahul Shukla:

🙏🏻 हृदयोपहार🙏🏻
  
स्नेहिल शब्द-सारथियों,

           यह माँ *वरदा वीणापाणि* की विशेषातिविशेष कृपा ही है, कि साहित्य-जगत में अकथनीय विषमताओं के बाद भी आज आप-हम *कविता-कौमुदी कल्पलता की काव्यच्छाया में एकसूत्र होकर मूर्तिमन्त हैं |*

          सुधि साहित्यकार जानते हैं कि *साहित्य, हमारे जीवन के उतार-चढ़ाव को सहने व इसे सहज, सरल, सरस व सार्थक तरीके से जी लेने की मन:स्थिति को विकसित करता है* और *हमें लौकिक चिन्ताओं को दूर कर उच्च साहित्यिकतायुक्त सामाजिक, वैश्विक, राजनैतिक व आत्मिक ज्ञान के साथ अन्यान्य पक्षों की ओर अग्रेषित करता है।* यूँ कहना अन्यथा न होगा कि *साहित्यकार की आत्मा का सम्बन्ध जनसमाज की निश्छल आत्मा से होता ही है।*

          कुछ ऐसी ही भावनाओं को लेकर *हृदयापूत सम्बन्धों और ज्ञान-शिखर को स्थिरानुभव व जीवन्त करने की महत्त्वाकांक्षा के साथ इस समिति ने स्वयं को* आप सबके साथ *आभासी दुनियां में "जय-जय समूह" के नाम से जीवन्त साझा किया गया है |* साथ ही साथ *यथार्थ के धरातल पर कुछ मिल से पत्थरों की सुस्थापना* करने के लिए ही समिति की यह *स्मारिका-शृंखला* आरंभ की गयी है, जो कालान्तर पर *उत्कृष्टता के साथ साहित्यिक-अभिव्यक्ति का सशक्त मंच बनकर माँ-महाकुशाँगन को सुगन्धित करते हुए उन्नत प्रतिमानों* का केन्द्र बनेगी |

          कहना यह भी है कि *यह आभासी दुनियां का पटल मात्र न होकर ज़मीनी स्तर पर कार्यशील पंजिकृत संस्था का उपागम है |* आज इस संस्था के तकनीकी से कदम मिलाते हुए साहित्यिक पटल *(क्रमश: मुख्य पटल व सोम छन्दशाला, व्याकरणशाला व ग़ज़लगंगा इत्यादिक)* भी उदीयमान भुवन-भास्करवत् अालोकित हैं | समिति द्वारा *साहित्यिक महायज्ञ की यह परिणति नहीं है, बल्कि आने वाले समय में अन्यान्य नवाचारों व प्रकल्पों का सुस्थापन होता रहेगा |* जहाँ आप सब इस *संस्था के विविध प्रासाद रुपी प्रकल्पों के नक्षत्र इव दैदिप्यमान गौरव होंगे और आप सभी इसकी भव्य अट्टालिकाओं की स्वर्णाभ जीवन्तताएँ होकर इसके कर्णधार होने हैं |*

          कहना बहुत है; पर *कहने से कर दिखाना अधिक श्रेष्ठकर व यशदा होता है , अत: आप सब संबल बनकर साथ रहें | जिस प्रकार भी इस महासंचयन\महासर्जन में योगदान दे सकते हैं , दीजिए | भविष्य में समिति के साथ रहते हुए आप स्वयं स्वजीवनोन्नयन व गौरवानुभव करेंगे ; आपके कृतित्व की  यश:पताका आपको ही समर्पित होगी, इहेतुक अकिंचन की यह सशपथ वचनबद्धता है |*

          *अन्तत: संस्था की ओर से आप सबको आज के इन गौरवशाली पलों के साक्षी होने का अनन्त साधुवाद😊🙏😊 | और सतत सहयोग व मार्गदर्शन की अपेक्षा के साथ अपनी वाचालता को मुखरता की पराकाष्ठा पर🙏 क्षमापना के साथ विराम देता हूँ  |*

🙏🙏🙏🙏🙏

*विद्वत्समाज अकिंचन का यथायोग्य अभिवादन अङ्गीकार कर कृतार्थ करे |*

✍भगत 'सहिष्णु'

      जीवन वृत्त

साहित्यिक नाम : भगत 'सहिष्णु'

जन्मतिथि : ५-११-१९७२

पिता जी : श्री ब्रह्मानन्द टेलर

माता जी : श्रीमती कमला देवी

शिक्षा : स्नातकोत्तर द्वय (हिन्दी व संस्कृत ), शिक्षा स्नातक, विद्या वारिधि व अन्यान्य उपाधियाँ प्राप्त |

व्यवसाय : स्वतन्त्र शिक्षण (उच्चतर व प्रतियोगी), शैक्षिक-कार्यशालोद्बोधन एवं रामकथा वाचन |

पता (स्थायी) : सब्जी मंडी के पीछे, कनोई दाल मिल के पास, टोडारायसिंह (टोंक) राजस्थान, पिन-३०४५०५ |

हाल निवास : प्लाट नं. ३ रामनगर-सी, टोल टैक्स-प्रतापनगर, टोंक रोड, जयपुर (राजस्थान)

पिन-३०२०३३ |

सर्जन :~

* भगत के दोहे

* शिशु चरित्र

* वाल्मीकि रामायण का खड़ी बोली हिन्दी में विविध छंदमाला में काव्यानुवादरत

# *बालकाण्ड संपूर्ण*(कॉपीराइट प्रक्रियाधीन)

* व्याकरण (प्रतियोगी)

* शत मुक्तावलि (वीर रस)

* नित्य भक्ति व विषयाधीन सृजन

* सनातन छन्दों को समर्पण

* तीन साझा संकलन प्रकाशित

किंचित उपलब्धियाँ व सम्मान ~

* ज्ञानसुधा सम्मान

* वैयाकरण सम्मान

* तत्त्वदीप अलंकरण

* चल वैजयन्ती सम्मान

* मुक्तक शिरोमणी सम्मान

* रसिक रामायणी सम्मान

* मानस मर्मज्ञ अलंकरण

* अन्तर्ताना पर विभिन्न पटलों द्वारा अलंकृत व प्रशंसित

* विभिन्न काव्य संगठनों द्वारा अनवरत स्नेह सम्मान

('जय-जय' समूह {जनचेतना सा० सां० स०, २२६ बीसलपुर-पीलीभीत (उ.प्र.) की केन्द्रीय समिति में परामर्शदाता)

संपर्क : 8003690537

~ अलंकरण
साहित्य संगम द्वारा *सहिष्णु* उपनाम
प्रज्ञा भारती द्वारा *भूषण* उपनाम
कविता कौमुदी द्वारा *भूरिश्रवा* उपनाम

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🙏 जय-जय

[12/18, 12:23] Dr. Rahul Shukla:

     जीवन वृत्त
भगत 'सहिष्णु'
जन्मतिथि : ५-११-१९७२
पिता जी : श्री ब्रह्मानन्द टेलर
माता जी : श्रीमती कमला देवी
शिक्षा : स्नातकोत्तर द्वय (हिन्दी व संस्कृत ), शिक्षा स्नातक, विद्या वारिधि व अन्यान्य उपाधियाँ |
व्यवसाय : स्वतन्त्र शिक्षण (उच्चतर व प्रतियोगी), व्यक्तित्व-व्याख्यान, अनुप्रेरक, शैक्षिक-कार्यशालोद्बोधन एवं रामकथा वाचन |
पता (स्थायी) : सब्जी मंडी के पीछे, कनोई दाल मिल के पास, टोडारायसिंह (टोंक) राजस्थान, पिन-३०४५०५ |
हाल निवास : प्लाट नं. ३ रामनगर-सी, टोल टैक्स-प्रतापनगर, टोंक रोड, जयपुर (राजस्थान)
पिन-३०२०३३ |
( *'जय-जय' समूह {जनचेतना सा० सां० स०, २२६ बीसलपुर-पीलीभीत (उ.प्र.) की केन्द्रीय समिति में परामर्शदाता* )
संपर्क : 8003690537
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🙏 जय-जय🙏🏻

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