विधा सायली
दर्शन
देदो मोहे
ओ मेरे कान्हा
प्यासी मोरी
अखियाँ
तुम
बिन दिन
नही बीते नही
बीते यह
रतियाँ
देखो
मोहे छेड़त
संग की सहेली
करत यही
बतियाँ
नैना
नीर बहे
तरस रही तेरे
दर्शन को
सखियाँ
प्यारा
मोहे लागत
नंद का लाला
मोरे मन
बसिया।
इन्दू शर्मा शचि
तिनसुकिया असम
कान्हा
बंशी
की धुन
से पागल करता
मुझे कान्हा
तू
उद्धार
करो मेरे
दुख दर्द सब
मिट जाए
कान्हा
जीवन
सँवरे मेरा
बस तेरे दर्शन
से मोहन
प्यारे ||
साहिल
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