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साहिल की सूक्तियाँ

♦सूक्ति♦

1) *"सेहत एक वरदान है|"*
टिप्पणी ~ *सेहतमंद शरीर में शुद्ध मन और आत्मा का समावेश होता है, स्वस्थ शरीर से सकारात्मक सार्थक कर्म करके मानव धर्म की राह पर चल सकते है, इहेतुक सेहत मानव के लिए वरदान स्वरूप है|*

2) *विश्वास की रोटी सदा खाएँ|*
टिप्पणी~
*जिस प्रकार हम रोटी नित्य खाते हैं उसी प्रकार अपने दिल के करीब परिवारी जनों पर सदैव विश्वास करें क्योंकि विश्वास और निष्ठा ही प्रेम को अक्षुण्य बनाए रखती है|*

3) *निंदा करने वाले से अच्छा कोई मित्र नहीं|*
टिप्पणी ~ *किसी व्यक्ति की कमियाँ देखने वाला, उसकी बुराइयाँ देखने वाला व्यक्ति ही परम मित्र होता है, क्योंकि कमियाँ सुधारकर ही इंसान परिष्कृत होकर जीवन की सभी राहों पर सफल हो सकता है|*

4) *"काँटों के बीच गुलाब मुस्कुराता है|"*
टिप्पणी~  *विपरीत परिस्थितियों एवं सांसारिक अनाचारों एवं दुष्प्रवृत्तियों के बीच सदाचारी एवं चरित्रवान व्यक्ति सदैव गुलाब के समान सुन्दरता एवं सुगन्ध बिखेरता है|*

5) *"शूल को फूल बनाते गुरु है|"*
टिप्पणी~ *"सामाजिक एवं पारिवारिक कष्टों एवं दुखों से निजात दिलाकर कर्म पथ पर अग्रसर करने वाले, परमतत्व से परिचय कराने वाले, ईश्वरीय सत्ता का अस्तित्व दिखाने वाले "गुरु"  शूल को फूल में बदल देते हैं|"*

6) *सदा मुस्कुराइए|*

7) *प्रेम की बंशी मुग्ध करे|*

8) *कण कण में ऊर्जा है|*
 
9) *तम का जाना तय है,सवेरा आना तय है|*

10) *सागर सी गहराई हो|*

11) *साहिल सी सुंदरता हो|*

©डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

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