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Showing posts from April, 2021

कामना छन्द

           कामना छंद विधान~ नगण तगण रगण 111  221  212 यति 6, 3 वर्णों पर, प्रति चरण 9 वर्ण, मधुर  है   गान,  बाँसुरी| विकल है शक्ति,आसुरी|| सुखद है  कृष्ण,  दर्शना| विनय  से  नित्य, अर्चना|| सकल   है  देव, साधना| सुखद हो मान, कामना|| हृदय  की तान, राधिका| जगत की शान, राधिका|| मचलता   मोर,  गीत  से| बरसता  मेघ,   रीत   से|| सुर  बजे साज, कृष्ण जी| मन मिले आज, कृष्ण जी|| ©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल

संकल्प विषय पर साहिल के दोहे

🌺🙏    संकल्प  🙏💐                दोहे संकल्पों  के  दीप  से, जगमग   होगा  देश| सेवा  अरु  सत्कार  का, फैले  चहुँ  सन्देश|| शब्द  साधना लेखनी, सिर  पर माँ  का  हाथ| संकल्पों  की  प्रीत  से, मिले  जीत  का साथ|| जैसे  मधुरस  के  लिए, कर्म  करे  मधुमाख| तैसे  मानुष  कर्म  से, मिल  जाए  प्रभु पाख|| शुभता  के  संकल्प  से, कर्म  बने  सब पुन्य| राम - राम  के  जाप  से, जीवन  होवे  धन्य|| संकल्पों  की  शक्ति  से, मिल  जाए  उत्कर्ष| करम  साधना  ठानकर, सदा  मिलेगा  हर्ष|| मात - पिता गुरु ज्ञान का, लेकर हम उत्कर्ष| पूरन  हो  संकल्प  सब, जीवन  में   हो  हर्ष|| तन - मन  संयम  साधना, है  जीवन का सार| कलमकार  सब  गढ़  रहे, संकल्पों  का  हार|| सहज  कर्म  शुभ  धर्म  से, मानव  बने महान| सत्य  अटल  संकल्प  से, जीवन  हो आसान|| प्रेम   सत्य  संकल्प  है,  प्रेम   भाव   देवत्व| प्रेम   सदा  जीवित  रहे,  तो  पाए  अमरत्व|| धरती  अम्बर  सूर्य  सा,  अटल  करें   संकल्प| फल  की  इच्छा  के  बिना, कर्म  बने परिकल्प|| उत्तम   सारे  शब्द  है, उत्तम   है   ये    प्रीत| राष्ट्र  प्रेम  की   भावना

पतंग (बाल कविता) डॉ• राहुल शुक्ल साहिल द्वारा रचित

🔸🔹   पतंग  🔸🔹       बाल कविता बन पतंग  मैं उड़ ओजाता, जीवन  में खुशियाँ पाता, डोर पतंग की थामे कोई, संग -  संग   मेरे   गाता| फड़-फड़ करती अम्बर में, चिड़ियों  जैसे   उड़ती  है, जिस ओर  हवा चलती है, पतंग उसी  रुख मुड़ती है| लाल  सुरमई  सतरंगी, कितने  रंग बदलती है, तितली रंग बिरंगी देखो, जैसे   रंग   बदलती  है| दुख पतंग जब कट जाए, नयी  पतंग  हम  पाते हैं, सभी  कष्ट  कट जाते हैं, नयी   उमंगे    लाते    हैं | ©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल