कामना छंद विधान~ नगण तगण रगण 111 221 212 यति 6, 3 वर्णों पर, प्रति चरण 9 वर्ण, मधुर है गान, बाँसुरी| विकल है शक्ति,आसुरी|| सुखद है कृष्ण, दर्शना| विनय से नित्य, अर्चना|| सकल है देव, साधना| सुखद हो मान, कामना|| हृदय की तान, राधिका| जगत की शान, राधिका|| मचलता मोर, गीत से| बरसता मेघ, रीत से|| सुर बजे साज, कृष्ण जी| मन मिले आज, कृष्ण जी|| ©️ डॉ• राहुल शुक्ल साहिल
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ