इन्दवज्रा छंद
शिल्प~समवर्ण, चार चरण प्रत्येक चरण में दो तगण एक जगण और अन्त में दो गुरु /११ वर्ण
उदाहरण: -
S S I S S I I S I S S
तू चाह मेरी बन जा सहारा|
तेरे बिना है मन बेसहारा||
आओ बनाएँ सुर गीत प्यारा|
गाएँ बजाएँ धुन 'प्रीत' 'तारा'||
कोई कहानी हम भी बनाएं|
पूरी जवानी तुम पे लुटाएँ||
मेरी उदासी कुछ बोलती है|
सारे पुराने पट खोलती है||
© डॉ० राहुल शुक्ल साहिल
Comments
Post a Comment