स्त्री की शक्ति
पर एक गीत प्रस्तुत है
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नारी शक्ति बडी धरती पर सबको आज दिखायेंगे
नारी के जीवन में आती मुश्किल दूर भगायेंगे
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दिया जन्म हम सबको जिसने कैसे उसको विसरायेंगे
नारी नाम है ममता का दुनिया को ये बतलायेंगे
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घर में जन्में जब लड़की तो हम सब क्यों घवराते हैं
लड़का होने पर मिलजुल कर खुशियां खूब मनाते हैं
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घर के कामों में मम्मी का लड़की हाथ वटाती है
पापा काम से वापस आये पानी वही पिलाती है
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ऐसी छोटी विटिया का आओ मिलकर सम्मान करें
पढ़ा लिखाकर इस जग में जीवन उसका साकार करें
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नारी शक्ति है रूप अनूपम ये दुर्गा ये काली है
भारत शान पे आंच जो आये बनती झांसी वाली है
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पुरूष अगर है सत्यवान सावित्री जैसी नारी है
पति की जान बचाने को यमराज से भी लड़ जाती है
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जल थल और नभ की सेना में भारत की शान बढ़ाती है
चाहे जान भले ही जाये पीछे न कदम हटाती है
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भारत की इस राजनीत में नारी ने नाम कमाया है
इन्दिरा गाँधी, प्रतिभा पाटिल ने भारत मान बढ़ाया है
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ऐसी शक्ति अनूठी इसकी हम सब शीश नवायेंगे
नारी गर्व है इस भारत का हम इस पर इतरायेंगे
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नारी शक्ति बड़ी धरती पर सबको आज दिखायेंगे
नारी के जीवन में आती मुश्किल दूर भगायेंगे
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अरविन्द दुबे "साहस"
बीसलपुर उ. प्र.
12/10/17
कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि) २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म) =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~
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