सरल भ्रात जी आ गए, करने सबका सम्मान|
जय जय सबकी ही करे, जय जय हो गुणगान||
पटल के गतिमान पथ पर,
हम आ गये सम्मान करने,
सुखद सकल साहित्य का,
हम आ गये गुणगान करने||
जनचेतना खिल गया,
बदल गयी परिभाषा,
सर्जन और अलंकरण,
जय जय हिन्दी भाषा।।
सज गया है आज देखो, भाव से जनचेतना,
रोटी की कीमत समझना, मनुज की संवेदना,
जिनको देखो कष्ट में तुम साथ देना सर्वदा,
इस गरीबी को मिटाओ, और हरो जनवेदना|
कह रहें हैं आज कविवर|
जय जय पटल है शुभंकर|
शुभ साथ यूँ मिलता रहे तो|
जागे साहित्य अरु कलमवर|
जय जय पटल गूँज रहा,
अलंकरण बनी पहचान,
नमन सुमित जी कर रहे,
सुन्दर सर्जन सम्मान |
💐💐💐💐💐💐💐💐💐
जय जय हिन्दी की जय हो, जय जय है अनमोल|
सबकी जय निशदिन करौ, रचना की जय बोल||
आप सभी का साथ हो,
जीवन पथ प्रभु हाथ हो,
मधुर संगीत सद्भाव हो,
शब्दों का गुम्फन भाव हो|
साहिल
💐जय जय🙏
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