मित्रों,
हिन्दी वर्णमाला में कुल वर्ण ५२ (बावन) है, परन्तु संयुक्त वर्णों का प्रथमाक्षर वर्ग-वर्ण में होने से इनका अलग से उच्चारण स्थान नहीं होता |
ऐसे ही ड़ व ढ़ (उत्क्षिप्त) भी वर्ग वर्ण (ट में) आ जाते हैं, अत: इनका भी अलग से उच्चारण-स्थान नहीं होता |
तो ~ ५२ -४ (संयुक्त)=४८
और ४८-२ (उत्क्षिप्त)=४६ (छियालीस)
यानि कि *४६ (छियालीस) वर्ण ही उच्चारण स्थान तालिका में आते हैं |
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कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं~
१. कण्ठ
२. तालु
३. मूर्धा
४. दन्त
५. ओष्ठ
६. कंठतालु
७. कंठौष्ठ
८. दन्तौष्ठ
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🔰 अनुस्वार या नासिका अतिरिक्त (वर्ग के पंचम वर्ण के हल् रूप के लिए)
उपरोक्त अनुसार हम ४६ (छियालीस) वर्णों को उच्चारण स्थान के अनुसार पढ़ेंगे
पहले यह जान लें कि ये उच्चारण-स्थान मुँह में किस-किस जगह पर हैं 👇👇👇
कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं~
१. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)
२. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग
३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक
४. दन्त~ ये जानते ही हैं
५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं
६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ
७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ
८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ
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