[26/08 12:49 PM] रति ओझा:
विषय-आशा
विधा-मुक्तक
दिखे जब खौफ़ मे औरत करे सबका तमाशा है,
जु हो सुन्दर जमाने मे लगे सबको बताशा है,
मगर ये जान लो होती नहीं कमसिन मलाई सी,
बनी पाषाण सी हँसकर रखी मन में भि आशा है।
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रति ओझा"व्यथा"
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[26/08 12:49 PM]
आशा से भरा यह जीवन है,
उम्मीद से जिंदा सपने है।
हो 'प्रीत' भरा यह हृदय अगर,
हर शख्स ही लगते अपने है।।
सन्तोष कुमार 'प्रीत'
विषय :~आशा
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आशा और निराशा प्रतिपल,
जीवन का देती वरदान।
सुख दुख साथ साथ चलते हैं,
ये जीवन की है पहचान।।
टूटे जब जब मन की आशा,
जीवन में भर जाता कष्ट।
भरे निराशा जिस जीवन में,
वह ही हो जाता पथ भ्रष्ट।।
आशाओं के हाथ कभी भी,
जीवन को अपने मत छोड़।
मन में भर आनंद हृदय को,
प्यारे प्रभु चरणों से जोड़।।
कौशल कुमार पाण्डेय "आस"
~~ रामकृष्ण जी द्वारा ~~
आज के विषय पर---. आशा
मानव स्वभाव है कि वह प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर होता है तो उसके मन में एक लक्ष्य होता है, आशा होती है और होता है लक्ष्य पाने का विश्वास। पर आप जब बढ़ते हैं तो समस्याओं का मकड़जाल, अँधकार अवरोध का सामना करना पड़ता है। यदि विश्वास हो तो फिर आगे बढ़ते हैं। पर यदि मन में आशा ही न बचे तो विश्वास को टूटते बिखरते देर नहीं लगती।
जिसने आशा छोड़ दी, उसने समर्पण कर दिया और हार गया जीवन।. आशा ही सफलता का मूलाधार है। संकल्प और विश्वास के बल पर निराश व्यक्ति कभी सफल नहीं होता।
[26/08 4:14 PM] नवीन तिवारी:
🥀🥀🥀🥀 आशा / आस
हताशा में सुकून हो
आशा की किरण हो
खुशियों की बयार हो
मिलन की आस हो ,
🌻🌻🌻🌻🌻
प्रीत संग रीत भरी
जीवन संगीत भरी
मिलन की आस भरी
अनबुझी प्यास हो
चाहत की राहत हो
प्यार की बरसात हो
नजरो में समायी हो
प्रिय मधुमास हो ,
🥀🥀🥀🥀🥀
ग्रह की उपग्रह हो
चाँद की पर छाई हो
मौसम अलसायी हो
जीवन की रास हो
उपवन हर्षायी हो
मन मयूर भायी हो
प्रेम संगीत छाई हो
जीवन सुवास हो
🎻🎻🎻🎻🎻🎻
आशा पूर्ण विश्वास हो
निश्चल प्यार साथ हो
हर्षित मन मीत हो
जीवन सरस हो
🌺🌺🌺🌺🌺🌺
नवीन कुमार तिवारी✍ ९४७९२२७२१३
एल आई जी १४/२
नेहरू नगर पूर्व
भिलाई नगर दुर्ग ४९००२० 🛣
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आशा ही जीवन है
आशा ही जीवन है,
उमंग जगाइए।
रास्ते के काँटों को,
मिलकर हटाइए।।
आशा ही जीवन है,
लगन तो लगाइए ।
निष्ठा व सुकर्म से
जीवन सजाइए।
आशा ही जीवन है,
सेहत भी बनाइए,
उद्यम उद्योग से,
साधन भी जुटाइए।
आशा ही जीवन है,
दुख दर्द भगाइए,
निराशा के तम में,
प्रकाश तो जगाइए।
आशा ही जीवन है,
निराशा निकाल दें,
मंजिल की ठान के,
कदम तो बढ़ाइए।
डाॅ• राहुल शुक्ल
साहिल
[26/08 5:52 PM] सुमित सोनी:
विषय - आशा
विधा - हाइकू
. आशा करती
जीवन में संचार
प्राणवायु का।
विषय-आशा
आशाकिरन बनके आए सही,
चलो इक घरौंदा बनाने चलें|
उदासी है पनघट पे छायी हुई, पनघट को घट से मिलाने चलें||
चलो इक घरौंदा -----
हैं रसीले बहुत ये तुम्हारे नयन,
हैं कटीले बहुत ये तुम्हारे नयन|
छलछलाते हुए जाम ने ये कहा,
हैं नशीले बहुत ये तुम्हारे नयन||
सजत सजनी सजन नयन में ही,
कि रूठी सजनियाँ मनाने चलें|
चलो इक घरौंदा ------------👇
पुराने गीत का एक अंश मात्र
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दिलीप कुमार पाठक "सरस"
[26/08 6:44 PM] आ• अनीता मिश्रा: आशा
आशा के दीप जलाते चले
घोर -तिमिर को मिटाते चले
जीवन चार पल का ही सही
सबसे प्यार जताते चले ।।
अनीता मिश्रा ""सिद्धि""
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