शब्द 🙏🏻
शब्द ~ भाषा जगत का सबसे समर्थ व प्रभावी विषय
शब्द ~ सर्वव्यापक है।
सूक्ष्मतम परिभाषा ~ शब्द = वर्णों का समूह
हालांकि वर्णों का समूह शब्द ही है, परन्तु व्याकरण शब्द की सार्थकता पर बल देती है ; अत: सार्थक शब्द को ही व्याकरण-सम्मत परिभाषा में गिना जाता है |
क्योंकि👇
अर्थ के आधार पर *शब्द* भले ही दो प्रकार के हों ~
१. निरर्थक (अर्थहीन)
२. सार्थक (अर्थयुक्त)
और, भाषा में केवल एक जगह निरर्थक शब्द मान्य है और वह जगह है ~ _द्वन्द्व समास_ में प्रयुक्त ~ पानी-वानी , गाड़ी-वाड़ी, चाय-वा़य.....जैसे शब्द युग्म |
परन्तु प्रयुक्त होकर भी इन निरर्थक शब्दों में कोई अर्थ संकेतित नहीं होता , अत: व्याकरण में अमान्य है |
तो ~
शब्द की व्याकरण सम्मत परिभाषा है ~ वर्ण या वर्णों का समूह वह समूह, जिसका कोई निश्चित (एक स्थान पर एक) अर्थ निकलता हो |
मित्रों,
शब्द का पहला भेद
१. बनावट के आधार पर 👇
शब्द दो प्रकार के
१. एकल (एक वर्ण वाले)
२. बहुल (एकाधिक वर्णों वाले)
१. एकल ~ एक वर्ण ही जब अर्थ प्रकट करता है तो शब्द की श्रेणी में आ जाता है , जैसे~ न, ना, हाँ, आ, जा, खा, पी, दे, ले.....इत्यादि |
२. बहुल ~ एकाधिक वर्णों का समूह, जो सार्थक हो |
जैसे ~
नहीं, अभी, कब, सही, आना, पाप, देना....इत्यादि
कमल, सपना, कोयल...इत्यादि
और सभी सार्थक शब्द
२. बहुल भी दो प्रकार के हैं 😄👇
१. मुक्ताक्षरी ~ पूरे वर्णों से बने शब्द, जैसे ~ चलना, नहाना, सोना, पीतल, चौराहा....इत्यादि |
२. बद्धाक्षरी ~ जो अपने साथ आधा वर्ण (अक्षर) भी रखते हैं (अनुस्वार भी हल् पंचम होने से आधा है), |
आधा वर्ण रखने से पुन: बद्धाक्षरी भी दो प्रकार के हो जाते हैं।
१. भिन्न अर्धाक्षरी
२. सम अर्धाक्षरी (द्वित्व)
व्याख्या ~
१. भिन्न अर्धााक्षरी ~ जहाँ आधा वर्ण अपने आगे वाले वर्ण से भिन्न हो , जैसे~
व्यक्ति , वात्सल्य, सत्कार, उद्घाटन, तथ्य, भ्वादि...इत्यादि |
२. सम अर्धाक्षरी ~ जहाँ आधा वर्ण अपने आगे वाले वर्ण के समान ही हो, जैसे~ कच्चा,कुत्ता, तत्त्व, चक्का,उज्ज्वल, सच्चा, पट्टी, बिल्ली... इत्यादि |
सम अद्धाक्षरी को द्वित्व भी कहा जाता है|
शब्द भेद ~
१. मानकता के आधार पर~ २- सार्थक व निरर्थक
२. बनावट के आधार पर
३. उच्चारण के आधार पर
४. परिभाषा के आधार पर
५. अर्थ के आधार पर
६. उत्पत्ति\जन्म\प्रवाह के आधार पर
७. व्युत्पत्ति\निमिर्ति\रचना के आधार पर
८. प्रयोग\रूप परिवर्तन के आधार पर
९. प्रक्रिया\विधान\व्यवस्था व यत्न से आधार पर
🙏 जय-जय
Comments
Post a Comment