आज के शब्दों का सही रूप है~
१. वशिष्ठ (सबमें से विशेष या उत्तम)
२. व्यूह (विशेष संरचना\योजना\भूलभुलैया)
३. पिन (पतला\कमज़ोर\ नाज़ुक)
४. वाचस्पत्य (ब्रह्मा से उत्पन्न)
५. प्रौढ़ (अधिक\परिपक्व\अनुभवी)
६. वैदूर्य (मणि विशेष, जो बुद्धि को परिनिष्ठित\पूर्णता प्रदान करती है)
७. थाह (गहराई\रहस्य)
८. विद्युज्जिह्वा (रावण की एक बहन\आकाशीय बिजली)
९. अह्न (दिन\निम्न\लगातार\उच्च...)
१०. चरणोदक (चरणों में बैठकर प्राप्त किया गया अमृत रुपी ज्ञान\ चरणामृत)
🙏 जय-जय
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