समानार्थी भिन्नार्थ शब्द ~
परिभाषा ~ जो शब्द हमें अर्थ की दृष्टि से समान से प्रतीत होते हैं, परन्तु उनके अर्थ में पर्याप्त अन्तर होता है ; समभाषित शब्द या समानार्थ प्रतीयक भिन्नार्थी शब्द कहलाते हैं |
जैसे ~
1) पूजन - अर्चन
पूजन ~ विधिवत सामग्री व मंत्रोच्चार से ईश्वराधन
अर्चन ~ बिना किसी उपागम के मानसिक ईश्वराधन
2)
अभय - निर्भय
उभय = दोनों
3)
अस्त - आँसू
अस्त्र = हथियार
4)
प्रार्थना - निवेदन
प्रार्थना ~ अप्रकट या परोक्ष के समक्ष मनोभाव व्यक्त करना (इच्छा ऱखना, जो कि सामान्यत: ईश्वर, इष्ट या अपने कुल देव-देवी व पितृ देवों के समक्ष है|)
निवेदन ~ प्रकट या प्रत्यक्ष के समक्ष मनोभाव या अपनी बात रखना |
5)
साधना ~ किसी लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास या श्रम
आराधना ~ पूर्व पद्धति से लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास
6)
अबला ~ स्त्रियाँ (सभी) {निज-बल का स्मरण न रखने वाला)
निबला ~ कमजोर स्त्रियाँ
7)
प्रेम ~ ईश्वरीय
स्नेह ~ लौकिक संबंधों में
8)
साधारण ~ जो वस्तु या व्यक्ति एक ही आधार पर आश्रित हो \ जिसमें कोई विशिष्ट गुण न हो |
सामान्य ~ जो बात दो या दो से अधिक व्यक्तियों\वस्तुओं में समान हो |
9)
अनुभव ~ किसी कार्य को करके निपुण हो जाना अथवा जानकारी होना
अनुभूति ~ महसूस करना
10)
प्रणाम ~ ईश्वर, गुरुदेव अथवा देवस्वरूप आदि का अभिवादन
नमस्कार ~ लौकिक अभिवादन
11)
पारितोषिक ~ किसी सेवा (कार्य विशेष) के लिए दिया गया उपहार
पुरस्कार ~ सम्मान में दिया गया
🙏 जय-जय🙏
Comments
Post a Comment