🏄 संघर्ष
पिपिलिका सा गिर जाना,
गिरकर फिर से चढ़ जाना,
सीख मिली संघर्ष निरन्तर,
हमको भी करते जाना||
फिर से बनाती टूट ही जाता,
छोटी मकड़ी का जाला,
संघर्षों के विकट सफर में
टूटे न आस कि माला||
नये पंख से नन्ही चिड़िया,
उड़ने की कोशिश करती,
बार बार गिर गिर कर भी,
उम्मीदों से आहें भरती||
दुख के सोपानों पे चलकर,
महापुरुष इतिहास लिखें,
हर पल आशा के पथ पर,
संघर्षों से सुख आस दिखें||
© डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
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