🎗 रक्षाबंधन
सदा सुरक्षा के वचनों से भाई का मान बहन,
नेह स्नेह से सिंचित घर आँगन की शान बहन,
यही वचन देते हम बहनों को रक्षाबंधन पर,
इक धागे में बाँधती रिश्ते का अभिमान बहन||
✍ डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
रक्षाबंधन
बहना राखी लेकर आई।
भाई आगे करो कलाई।
कुमकुम तिलक लगाऊंगी।
अक्षत शीश चढ़ाऊँगी।
मुह अपना खोलो भाई।
पसंद की लाई हूँ मिठाई।
बहना की है थाली खाली।
सगुन डालदो प्यार वाली।
नही माँगती हीरे मोती।
मैं तो भैया प्रेम की भूखी।
जैसे नभ पर सूरज चमके।
भाई के मुखड़े यूँ दमके।
दुख भाई को छू नही पाये।
माँगे बहना यही दुआयेँ।
रेशम का अनमोल धागा।
बहना ने बड़े प्यार से बाँधा।
भाई बहन का रिश्ता प्यारा।
जैसे नभ पर चाँद सितारा।
भाई बहन को भूल न जाये।
रक्षाबंधन याद दिलाये।
इन्दु शर्मा 'शचि'
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