सरस जी की अभिव्यक्ति

🏻💐जय-जय

*जय-जय जय-जय हो सदा, जय-जय ही है सार|*

*जय-जय हर बाधा हरे, जय-जय की सरकार ||*

✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
दिलीप कुमार पाठक "सरस"
[06/08 14:54] सरस जियो: मुक्तक
💐🙏🏻💐
आपकी कृष्ण-सरीखी मित्रता को सुदामा-सरीखे मेरे ये भाव सादर समर्पित 💐🙏🏻💐

दिल की धड़कन में बस बैठा|

वही मित्र मन मानस बैठा||

आज सुदामा दीन दशा में|

देख कृष्ण को बस हँस बैठा||

🌹मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई🌹
🌹💐👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻💐🌹

✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
दिलीप कुमार पाठक "सरस"
[07/08 16:04] सरस जियो: रक्षाबंधन के पावन पर्व की आप सभी साथियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ~~💐🙏🏻💐
*भाई~बहन के प्यार भरे दोहे*

1- प्रेमभाव की छाँव है, राखी का त्यौहार |
सदा अमर जग में रहे,भाइ-बहन का प्यार||

2- बहना कहती खुश रहे, मेरा भाई वीर|
बीरन तेरी आँख से, कभी न छलके नीर||

3- रक्षाबंधन भा गया, राखी बाँधी हाथ|
बहन मिठाई साथ ले, तिलक लगाती माथ||

4- आज दिवस आ मायके ,फूली नहीं समाय|
अँखियाँ सखियाँ देखतीं,सुख-दुख सब विसराय||

5- बहना खुश रहना सदा,कहना दिल की बात |
रात-दिवस मिलती रहें, खुशियों की सौगात||

✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻
दिलीप कुमार पाठक "सरस"

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