कर्तव्य बड़े बुजुर्गों ने सिखाया, गुरुओं ने भी याद कराया, कठिन डगर पर भटक न जाना अपने कर्तव्यों को निभाना | सदा प्रज्जवलित कर्मों से, आदर्शों के मर्मो से, सत्य सना...
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ