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भावना प्रवीन जी (माँ)

माँ  का  नाम  जहां  मैं, है सबसे  ऊंचा
माँ जैसा दुनिया मै कोई और नही दूजा

माता रानी तेरा है सहारा
अम्बे रानी तेरा है सहारा
कष्ट  सबके  हर  दो  माँ
झोली सबकी भर दो माँ

तू ही तो सबकी  जननी है
तू ही तो जग की जननी है

माता रानी तेरा है सहारा
अम्बे रानी तेरा है सहारा

जो भी आया तेरे दर मुरादे पूरी हुई
काली  काली  अमावस भी नूरी हुई

जो झुका के आया सर
वो  गया न  खाली घर

तू ही तो सबकी जननी है
तू ही तो जगकी जननी है

माता रानी ........

माँ का नाम लिया सब काम हुए
माँ के  चरण छुए चार धाम हुए

जो समझा ना कदर
उसे  मिली ना  डगर

तू ही तो सबकी जननी है
तू ही तो जग की जननी है

माता रानी तेरा है सहारा
अम्बे रानी तेरा है सहारा

भावना प्रवीण सिंह

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