[6/29, 9:49 AM] जागेश्वर निर्मल: 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
🌺ओ3म् नमस्ते ओ3म्🌺
🌺विनय 🌺
🌴अथ मनसापरिक्रमामंत्रा:🌴
ओम् प्राची दिगग्निरधिपतिरसितो
रक्षितादित्या इषवः। तेभ्यो नमोऽधिपतिभ्यो नमो रक्षितृभ्यो नम इषुभ्यो नम एभ्यो अस्तु।
योस्मान् द्वेष्टि व्यं द्विष्मस्तं वो जम्भे दध्मः।।
🚩पद्यानुवाद🚩
आगे बढने का सदा
अग्ने करूँ प्रयास ।
विद्वानों की सीख से
हो बंधन का नाश।।
सब गुण केअधिपति तुम्हें
बारम्बार प्रणाम ।
सबके रक्षक प्रभु तेरे
गायें गीत ललाम।।
हमसे करते द्वेष जो
जिनसे हम विद्वेष।
सबको तेरी तुला पर
रखते हैं विश्वेश।।
जागेश्वर प्रसाद "निर्मल"
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
[6/29, 10:00 AM] जागेश्वर निर्मल: 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
🌺ओउम् नमस्ते ओ3म्🌺
🔯विनय 🔯
ईंखयन्तीरपस्युव इन्द्रं जातुमपासते।वन्वानासः सुवीर्यम्।
🌴सामवेद 2'2 1/2'4-1🌴
🚩पद्यानुवाद🚩
प्रभु का नाम महान है बन्दे
कर प्रभु का गुण गान रे बन्दे
बन अवगुण की खान न बन्दे।
प्रभु का नाम -----------'---'
प्रभु का नाम लिया करता जो
उस अनुरूप ही जीवन भी हो
बन सत्पात्र समान रे बन्दे ।
प्रभु का नाम-----------'--
यम अरु नियम कभी मत छोड़ो
प्रभु के मार्ग से नाता जोड़ो
जय की पकड़ कमान रे बन्दे।
प्रभु का नाम- -----------------
अपना और न गैर है कोई
समझे "निर्मल" भक्त है सोई
कर परमार्थ सुजान रे बन्दे ।
प्रभु का नाम----------------
जागेश्वर प्रसाद "निर्मल"
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
[7/7, 7:19 AM] जागेश्वर निर्मल: 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
🕉ओउम् नमस्ते ओ3म्🕉
🌺 विनय🌺
ओउम् स्वस्ति नो मिमीतामश्विना
भगः स्वस्ति देव्यदितिर्नर्वणः।
स्वस्ति पूषा असुरो दधातु नःस्वस्ति द्यावा पृथिवी सुचेतुना।।
ज्ञानी देवे चेतना
दिनकर चन्द्र समान।
द्यावा भू गिरि मेघ सब
करें दिव्य कल्याण।।
ओउम् स्वस्तये वायुमुप ब्रवामहै
सोमं स्वस्ति भुवनस्य यस्पतिः।
वृहस्पतिं सर्वगणं स्वस्तये स्वस्तय आदित्यासो भवन्तु नः।।
वायु सोम रवि के गुणों
को देवें हम ध्यान।
ज्ञानी गुरुजन निज करें
शिष्य प्रशिष्य महान ।।
जागेश्वर प्रसाद" निर्मल"
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
[8/6, 8:01 PM] जागेश्वर निर्मल: 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
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रक्षा बंधन का संदेश
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राखी को त्योहार न समझो
राखी एक विचार है।
हर नारी की रक्षा ही
मानवता का सिंगार है।।राखी----
आंच न आये इन पर कोई
काली घटा न छाये कोई
इनके अंधरों की मुसकानें
पतझड़ नहीं चुराये कोई
नारी का सम्मान जहां है
टिकती वहीं बहार है।। राखी-----
कहीं न हो उत्पीड़ित कोई
नहीं कोई आत्मा हो सोई
ऐसी दिव्य वाटिकाएं ही
सके चतुर्दिक जायें बोई
तभी हमें रे जय माता की
कहने का अधिकार है।। राखी----
सारा विश्व बनें मनभावन
यही सिखाने आता सावन
पुरुष बनें सारे शिव सुन्दर
हों नारी गौरा सी पावन
बनें सुसंस्कृत धरती सारी
हरना हर अंधियार है।। राखी----
जागेश्वर प्रसाद निर्मल
अजमेर (राजस्थान)
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
[8/14, 8:44 PM] जागेश्वर निर्मल: 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
🔯 ओउम् नमस्ते ओ3म्🔯
🚩जय श्री कृष्ण 🚩
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर
राष्ट्रवादी बनने का प्रण करो
नाचना गाना बन्द करो
देश का लहू पानी न बनाओ
वीरों की पूजा करो
वीर बनो
गीता पढो, गीता सुनो, गीता के
बताये रास्ते पर चलो,
अपने जीवन को
कृष्णमय करो
आज राष्ट्र को चक्र सुदर्शन धारी
कर्म योगी भगवान श्रीकृष्ण
के गुण कर्म और स्वभाव को
अपना कर सच्चा कृष्ण भक्त बनने की आवश्यकता है ।
🌺 जय श्री कृष्ण 🌺
कंस और दुर्योधन की
संस्कृति का नाश करो।
कृष्ण की जय जयकार करो।।
दूधदही घी का सेवन हो
जीवन से प्यारा गोधन हो
कहीं न गउवें काटी जायें
घर घर में पैदा मोहन हो
यह स्वीकार करो।
चक्र सुदर्शन जिसके कर हो
अन्यायी को जिससे डर हो
देश नर्क की ओर जा रहा
निर्माणों की ओर नजर हो
माता बहन और बेटी की
पीर पुकार हरो।।
कंस और दुर्योधन की-----'----
मान शकुनियों को मत दीजे
राष्ट्रद्रोह को क्षमा न कीजे
अत्याचार उठाये फन तो
चूर चूर सिर को कर दीजे
नाच गान के घोर जहर सॆ
ऊपर देश करो।।
कंस और दुर्योधन की---'---------
विषय वासना से बचना है
"निर्मल" गीता का कहना है
कृष्ण कर्म योगी थे अपने
हमें कर्म पूजा करना है
काम जवानी देश के आये
देश से प्यार करो।।
कंस और दुर्योधन की--------
जागेश्वरप्रसाद " निर्मल"
अजमेर (राजस्थान )
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
[8/27, 7:40 AM] जागेश्वर निर्मल: 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
🌺ओउम् नमस्ते ओ3म्🌺
🔯विनती 🔯
ओउम् तं प्रत्नथा पूर्वथा विश्वथेमथाज्येष्ठतातिं बर्हिषदं स्वर्विम्।प्रतीचीनं वृजनं दोहसे धुनिमासुं जयन्तमनु यासु वर्द्धसे।।
उपयामगृहीतोsसि शण्डाय त्वैष ते योनिर्वीरतां पाह्यपमृष्टःशण्डो
देवास्त्वा शुक्रपाः प्रणवन्त्वनाधृष्टासि।।
🌴यजुर्वेद 7/12🌴
🚩पद्यानुवाद🚩
करेंगे प्रभु तेरा विस्तार ।।
हृदय वासना शून्य बना ले
सुख प्रकाश उस प्रभु से पाले
हो जाते हैं दोष दूर यों
तम ज्यों लख भिनसार।
करेंगे प्रभु- ------------------
आत्मिक शक्ति बढ़ेगी तेरी
कार्य सिद्धि होगी बिन देरी
पुरा नवीन देवियों देवों
जैसे उसे पुकार ।
करेंगे प्रभु- ------------------
भव्यभाव से अन्तः भरले
दिव्य ज्योति उर ज्योतित करले
यम नियमों को कर गृहीत तू
प्रभु का पाले प्यार ।
करेंगे प्रभु --------------------
जो शम आदिक हैं गुण वाले
उनके जीवन वही संभाले
शान्त वीर की जीवन नैय्या
वही लगाता पार।
करेंगे प्रभु- -------------------
अन्दर का मल जिसने धोया
संयम सत्संग के तरु बोया
रे निर्मल तुझे करे न कर्षित
अपनी ओर विकार।
करेंगे प्रभु- ---------------------
जागेश्वर प्रसाद निर्मल
अजमेर (राजस्थान)
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
[9/21, 7:24 AM] जागेश्वर निर्मल: 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आओ शक्ति की साधना करें
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मुट्ठी भर संगठितअसुरों से
असंगठित
बहुसंख्क देव गण
अनादिकाल से
पिटते रहे हैं
और आगे भी पीटे जायेंगे
अकेले अकेले शत्रुओं से लड़कर
शत्रु कभी पराजित
नहीं किए जा सकते
इन डांडियों से और
हर चौराहे पर की जाने वाली
शक्ति साधना
को देखकर दुश्मन
पहले सेअधिक सुसंगठितऔर
सावधान हो गया है
अनेकता में एकता
हिन्द की विशेषता
का सिद्धांत
हमारे अस्तित्व के लिए
एक बहुतबड़ा खतरा बन गया है
हमारे मेले तीज त्योहार
अलग अलग साधना
हमारे लिए घातक सिद्ध हुई हैं
और हम आज भी उसी विनाशकारी दिशा कीओर जारहेहैं
राष्ट्र के अच्छे लोगो एक हो जाओ
कोई भी कार्य करो मिलकर करो
एक जगह करो
एक ही समय करो
जब तुम सब एक हो जाओगे
तुम्हारी शक्ति साधना सार्थक
हो जायेगी
जब तुम एकता की दुर्गा की
साधना करने लगोगे
राष्ट्र के दुर्ग को
कोई नहीं हिला पायेगा
आओ वीर भोग्या वसुन्धरा की साधना करें
राष्ट्र के बच्चे बच्चे को
तन और मन से
स्वस्थ करने का
प्रयत्न करें
जय मां की तभी होगी
जब तुम्हारे अंदर शक्ति होगी।
जागेश्वर प्रसाद निर्मल
अजमेर (राजस्थान)
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[9/27, 6:44 PM] जागेश्वर निर्मल: 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
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शक्ति पूजा
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हर मां बहन और बेटी है
असली शक्ति हमारी।
इनके अधर सदा मुसकायें
यही है चाह हमारी ।।
जब तक नारी का उत्पीड़न
शोषण यहाँ रहेगा
होंगी रोगाक्रान्त कुपोषण
घेरे इन्हें रहेगा
मुक्ति क्रूरता से पानी तो
करिए सिंह सवारी ।
हर मां बहन ------------------'
असुरक्षित ये भीतर बाहर
ऐसी बही हवा है
तार तार रिश्ते नाते हैं
कैसा गजब हुआ है
स्नेह प्यार लगते ढकोसले
झुलस रही फुलवारी ।
हर मां बहन----------------
चेतन प्रतिमाओं का आदर
पड़ता नहीं दिखाई
पूज पूज कर ईंट व पत्थर
है दुनिया पथराई
द्रुपदाओं के आँसू पोछो
बनकर कृष्ण मुरारी ।
हर मां बहन--------------
जय माता की बोलने वाले
सौ चेहरे रखते है
बाहर राम कृष्ण भीतर
रावण व कंस रखते हैं
शक्ति की पूजा करते" निर्मल"
घर की शक्ति है हारी।
हर मां बहन-------'-----
जागेश्वर प्रसाद" निर्मल"
अजमेर( राजस्थान)
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