३. देशज शब्द ~
ऐसे शब्द , जो अपने ही देश की अन्य भाषाओं (हिन्दी व संस्कृत को छोड़कर) एवं बोलियों से आकर हिन्दी में शामिल हुए हैं , देशज हैं |
यानि कि देेश की किसी भी भाषा व बोली का शब्द; यदि हिन्दी में प्रयुक्त होता है , तो वह देशज कहलाएगा |
जैसे~ लोठा, डण्डा, खूँटी, खाट, माचा, पोहा, इडली-साँभर, बाटी, चूरमा....इत्यादि|
देशज शब्द होने की शर्त ध्यान रहनी चाहिए कि वह शब्द अपने ही देश की किसी भाषा (हिन्दी, संस्कृत के अलावा) या बोली से आकर गान में जुड़ा हो|
४. विदेशज शब्द ~
ऐसे शब्द; जो अपने देश से बाहर की भाषा से आकर हिन्दी में शामिल हुए हों, विदेशज कहलाते हैं |
जैसे~
१. अंग्रेजी\आँग्लभाषा से ~ स्कूल, पेन, लाईट, रोड, सिटी, बस, ट्रेन.....इत्यादि |
२. पुर्तगाली से ~ रुमाल, महाराज़, जलेबी, आलमारी....इत्यादि |
३. चीनी से ~ चाय, लीची....इत्यादि |
४. रूसी से ~ स्पूतनिक....
५. अरब़ी\फ़ारसी\उर्दू से~ ज़िला, ज़ुल्म, ज़ियादा, मज़दूर, कुफ़्र, कज़ा....इत्यादि |
और भी विदेशी भाषाओं से....
🙏 जय-जय🙏
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