🙏 रूप परिवर्तन\प्रयोग के आधार पर शब्द
ये ☝ दो प्रकार के होते हैं ~
१. विकारी २. अविकारी
१. विकारी ~ जिनका मूल रूप (बनावट) बदल जाता हो , जैसे ~ काल ~ काला ~ काली ~ काले....इत्यादि |
२. अविकारी ~ जिनका मूल रूप नहीं बदलता हो, जैसे ~ आज, वाह्ह्, उफ्, कल, पर, किन्तु, लेकिन, शाबाश, खुश रहो.....इत्यादि |
🙏 विकारी शब्द : यानि कि "बदलने वाले शब्द"
ये ☝ चार प्रकार के होते हैं 😊
१. संज्ञा
२. सर्वनाम
३. विशेषण
४. क्रिया
(अब हम प्रत्येक को अलग-अलग पढ़ना है)
पहला~
(1) संज्ञा की परिभाषा = नाम
और
पुस्तकीय परिभाषा में कहें तो ~ किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति, भाव इत्यादि का नाम संज्ञा है|
अब है ~ संज्ञा के प्रकार
१. मूल संज्ञा =
२. संज्ञा के प्रकार
विशेष~ अब सवाल यह है कि "पुस्तकीय परिभाषा गलत कैसे" 🙏
तो कारण है शब्द', जो कि 'आदि' है,😊
यहाँ हमें समझना है कि ~
आदि ~ इतना ही
इत्यादि ~ ऐसे ही और भी
तो 'आदि' का अर्थ "संज्ञा" की परिभाषा को गलत कर देता है , क्योंकि 'आदि' लगाने से यह अर्थ निकलता है कि "व्यक्ति, वस्तु...(जो-जो भी बताए गये हैं) ही संज्ञा है, और कुछ भी नहीं", जबकि "प्रत्येक नाम (पहचान) संज्ञा" होता है |
🙏 जय-जय🙏
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