Skip to main content

भगत जी नित्य नमन(09/09/2017)

🙏🌸🕉 नित्य नमन🕉🌸🙏
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼

छमहुँ नाथ हम जानिकै, अवगुण का भंडार |
होहहिं सब अनुकूल प्रभु, तोर  कृपा आधार ||

🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿

आज रौ दुस्साहस~
करणी  तौ  होवै  इसी, जग राखे सिर साज |
करौ नरां थे आज स्यूँ, उजळो उजळो काज ||

🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀

देखो तुम नित बढ़ते रहना, बालाजी |
स्वप्न  सुनहरे  गढ़ते  रहना, बालाजी |
यत्न सतत तो सफल स्वप्न होगें सारे,
सीढ़ी नित नव चढ़ते रहना, बालाजी ||

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
©भगत

🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
    🌺ओउ म् नमस्ते ओ3म्🌺
            🔯विनती 🔯

ओउम्  शंनो वातःपवतां शं नस्तपतुसूर्यः।शं नःकनिक्रदद् देवाःपर्जन्योअभिवर्षतु।।
सुखकारी हो वायु अति
सूर्य तपे सुख हेतु ।
जल बरसायें शान्तिकर
घन फहराते केतु ।।

ओउम् अहानि शं भवन्तु नः शं रात्रिः प्रति धीयताम्।शं न इन्द्राग्नी
भवतामवोभिःशं न इन्द्रा वरुणा
रातहव्या ।शं न इन्द्रा पूषणा वाजसातौ शमिन्द्रासोमा सुविताय
शंयोः।।
दिवस रैन सुख धार लें
विद्युताग्नि सुख भौम।
इन्द्र वरुण हवि विज्जुघन
अन्न सुखद रवि सोम।।

जागेश्वर प्रसाद निर्मल
अजमेर( राजस्थान)
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉

Comments

Popular posts from this blog

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...