🙏🌸🕉 नित्य नमन🕉🌸🙏
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छमहुँ नाथ हम जानिकै, अवगुण का भंडार |
होहहिं सब अनुकूल प्रभु, तोर कृपा आधार ||
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आज रौ दुस्साहस~
करणी तौ होवै इसी, जग राखे सिर साज |
करौ नरां थे आज स्यूँ, उजळो उजळो काज ||
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देखो तुम नित बढ़ते रहना, बालाजी |
स्वप्न सुनहरे गढ़ते रहना, बालाजी |
यत्न सतत तो सफल स्वप्न होगें सारे,
सीढ़ी नित नव चढ़ते रहना, बालाजी ||
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©भगत
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🌺ओउ म् नमस्ते ओ3म्🌺
🔯विनती 🔯
ओउम् शंनो वातःपवतां शं नस्तपतुसूर्यः।शं नःकनिक्रदद् देवाःपर्जन्योअभिवर्षतु।।
सुखकारी हो वायु अति
सूर्य तपे सुख हेतु ।
जल बरसायें शान्तिकर
घन फहराते केतु ।।
ओउम् अहानि शं भवन्तु नः शं रात्रिः प्रति धीयताम्।शं न इन्द्राग्नी
भवतामवोभिःशं न इन्द्रा वरुणा
रातहव्या ।शं न इन्द्रा पूषणा वाजसातौ शमिन्द्रासोमा सुविताय
शंयोः।।
दिवस रैन सुख धार लें
विद्युताग्नि सुख भौम।
इन्द्र वरुण हवि विज्जुघन
अन्न सुखद रवि सोम।।
जागेश्वर प्रसाद निर्मल
अजमेर( राजस्थान)
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