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रूप परिवर्तन/प्रयोग के आधार पर शब्द

[9/18, 11:50 PM] डाॅ• राहुल शुक्ल: 🙏 रूप परिवर्तन\प्रयोग के आधार पर शब्द

ये ☝ दो प्रकार के होते हैं ~
१.  विकारी      २.  अविकारी

१. विकारी ~ जिनका मूल रूप (बनावट) बदल जाता हो , जैसे ~ काल ~ काला ~ काली ~ काले....इत्यादि |
विकारी शब्द : यानि कि "बदलने वाले शब्द"
ये ☝ चार प्रकार के होते हैं 😊
१. संज्ञा
२. सर्वनाम
३. विशेषण
४. क्रिया

२. अविकारी ~ जिनका मूल रूप नहीं   हो, जैसे ~ आज, वाह्ह्, उफ्, कल, पर,  किन्तु, लेकिन, शाबाश, खुश रहो.....इत्यादि |

पहला ~
(१.)  संज्ञा की परिभाषा = नाम
     या
पुस्तकीय परिभाषा ~  किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति, भाव इत्यादि का नाम संज्ञा है|
अब है ~  संज्ञा के प्रकार 

(क.) मूल संज्ञा

(ख). संज्ञा के प्रकार

भावार्थ ~
(क)मूल संज्ञा = जातिवाचक
यहाँ जाति का अर्थ संकुचित न होकर व्यापक है , अर्थात् जाति = समूह

और संसार में हर एक प्राणि किसी न किसी समूह से संबंधित है ही, अत: संज्ञा-शब्द भी किसी न किसी समूह से संबंधित हुए ; तो मूल संज्ञा = जातिवाचक हुई 😊

भावार्थ ~
(ख). संज्ञा के प्रकार
संज्ञा के मुख्य ३ प्रकार हैं ~
१. व्यक्तिवाचक
२. जातिवाचक
३. भाववाचक
(द्रव्य\पदार्थवाचक , समूहवाचक, गुणवाचक इत्यादि नानाविध भेद "जातिवाचक" में गण्य होते हैं, पृथक से नहीं)

🙏 जय-जय🙏

[9/18, 11:50 PM] डाॅ• राहुल शुक्ल: [वैसे आने वाले समय में संज्ञा के दो भेद रहने हैं (सिद्धान्तत:) ~ १. गणनीय २. अगणनीय (अकिंचन की भविष्यवाणी 😊)
🙏 जय-जय🙏

[9/18, 11:50 PM] डाॅ• राहुल शुक्ल: १. व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा
व्यक्ति = विशेष और वह भी एकल (अकेला)

(यहाँ व्यक्ति का अर्थ भी संकुचित न होकर व्यापक है "विशेष व एकल")
सामान्यत: ~ "व्यक्तिवाचक संज्ञा" वह होगी, जिसका मस्तिष्क में एकल चित्र बनता है (सभी के समान चित्र), यदि मस्तिष्क में एकाधिक चित्र बने या हर व्यक्ति अलग-अलग चित्र से पहचान करे तो वहाँ "जातिवाचक संज्ञा" होगी|

२. जातिवाचक संज्ञा  = जहाँ समूह या एकाधिक का बोध हो , जैसे~ नदी, पहाड़, गाय, शेर, पुस्तक, शहर, गाँव...इत्यादि |

   🙏जय जय🙏

[9/20, 10:56 PM] डाॅ• राहुल शुक्ल: अपवाद १ ~

कभी-कभी स्पष्ट रूप से  व्यक्तिवाचक संज्ञा होकर भी "कोई शब्द" जातिवाचक संज्ञा का उदाहरण होता है |
(किसी गुण या पहचान विशेष के कारण समूह का प्रतीक होना |)

जैसे ~

नारद =  इधर की बात उधर करने वाले पुरुषों का प्रतीक शब्द , जातिवाचक
मन्थरा = ..............."................वाली महिलाओं ......"........., जातिवाचक

🙏 जय-जय

[9/20, 10:56 PM] डाॅ• राहुल शुक्ल: 🙏 अपवाद २ ~

कभी-कभी जातिवाचक संज्ञा होकर भी "कोई शब्द"  व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण हो जाता है |
(किसी विशेष व्यक्ति की ओर संकेत करने से)

जैसे ~
१.पटेल = सरदार वल्लभ भाई पटेल (सबसे पहले इनका ही ध्यान आने से)
२. चाचा = जवाहर लाल नेहरू ( सबसे पहले ....."...)

🙏 जय-जय

[9/20, 11:08 PM] डाॅ• राहुल शुक्ल:

३. भाववचाक संज्ञा = जिसे केवल अनुभव कर सकें , पर सही रूप से अभिव्यक्त न कर सकें या जो अस्पर्शी हो ; जैसे ~ बचपन, सुख, आनंद, पीड़ा, दिशा , रंग (दिशा व रंग- इनके प्रकार होने से ये पहले जातिवाचक भी है)
            जय-जय

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