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बिजेन्द्र सिंह सरल जी का परिचय(काव्य)

10/09/2017 (रविवार)

सादर क्षमा पटल से विलम्ब के लिए स्वास्थ्य शिविर संचालन में पूरा दिन ही लग गया,
आते ही देखा कि हमारे प्रिय भाई  बिजेन्द्र सिंह 'सरल' जी का व्यक्तित्व पटल पर आच्छादित दिखा|

"उनके व्यक्तित्व को शब्दों में पिरो पाना तो अत्यंत दुष्कर है फिर भी अकिंचन साहिल का प्रयास"

माता शीला देवी सीताराम जिनके है पिता,
यशोदा माँ ने पाला "सरवेश" है पालकमाता|

शिवशेखर चन्द्रशेखर ही जिनके छोटे भाई हैं,
बहना विमला संग अनुज जितेन्द्र भी भाई हैं|

मैनपुरी में है बसते बिजेन्द्र इनका नाम है,
सरल नेह से ही सदा भजते शिव का धाम है|

शांत चित्त स्थिर सदा इनकी ये पहचान है,
जीवन में खुश रहना ही सीख सरल मुस्कान है|

निर्मल मन पावन हृदय से जीवन साथ निभाएंगे,
शशिबाला के संग संग ही वन उपवन बनाएंगे|

पुरस्कार कई  सम्मान मिला सब है प्रेम में फीके,
जन सेवा यदि न करूँ क्या  करूँगा  जीके||

साहिल की भी पुकार है करो भला तन मन  से
रोक सको तो रोक लो अनाचार  जीवन से|

बहुत दुखी  कर देती है सागर की उथली लहरें,
सरल हृदय से बैठा है साहिल  सहके  कहरें|

      🌹साहिल🌹

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