[9/29, 10:11 AM] नवीन तिवारी कन्या कन्या खोजे ढूढ रहा , कन्या मिली ना कोय| एक दिन चरण पूज रहा , भ्रूण हत्या कर सोय| बेटी होय मौन रहा, बेटा का गुण गाय| कलंक समझे रो रहा, माता का लिए हाय|| ...
जितना भी चाहता हूं, सब मिल ही जाता है, अब दुख किस बात का ॽ