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Showing posts from September, 2017

कन्या पर विभिन्न रचनाएँ

[9/29, 10:11 AM] नवीन तिवारी          कन्या  कन्या खोजे ढूढ रहा , कन्या मिली ना कोय| एक दिन चरण पूज रहा , भ्रूण हत्या कर सोय| बेटी होय मौन रहा, बेटा का गुण गाय| कलंक समझे रो रहा, माता का लिए हाय||  ...

रति -2 छन्द

      ♡ रति ( 2) छंद ♡ विधान~ [ सगण भगण नगण सगण गुरु ] ( 112  211  111  112  2) 13वर्ण, यति 4-9 वर्णों पर, 4 चरण,दो-दो चरण समतुकांत कहिये  तो, सब जगत अपना है। लखिये तो, यह मिथक सपना है।। करिये तो, कुछ  जतन  मतवाल...

जय जय हिन्दी के साहित्यकार (भगत सिंह)

बिषय :- वीर पुत्र  सरदार  भगत सिंह          मुक्तक भगत सा वीर नही देखा होगा हम सबनें, पीर जो पली थी वीर धीर ने निभाई है। माता का बढ़ाया मान पिता का बढ़ा सम्मान। भारती अखण्डता की...

निर्मल दादा वेद पद्यानुवाद

[6/29, 9:49 AM] जागेश्वर निर्मल: 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉 🌺ओ3म् नमस्ते ओ3म्🌺           🌺विनय 🌺 🌴अथ मनसापरिक्रमामंत्रा:🌴 ओम् प्राची  दिगग्निरधिपतिरसितो रक्षितादित्या इषवः। तेभ्यो नमोऽधिपति...