Skip to main content

सियासत

     सियासत

झूठ भी सच में बदल जाता सियासत में,
समय जल्दी बदल जाता सियासत में,
त्रस्त जनता सियासती दाँव पेचों से,
जज्बातों से होता खिलवाड़ सियासत में।

राजस्व का है बड़ा खेला सियासत में,
भ्रष्टता के खेल की जड़ है सियासत में,
बदल डालों सोच को सद्भावना  जागे,
स्वर्ग की कल्पना सच हो सियासत में।

उम्मीदों का बन गया पुल सियासत में,
रोजी की आशा का गुल सियासत में,
भटकता युवा राह जुर्म की पकड़े,
अपराधी भी पहुँच रहे कुल सियासत में।

सैनिकों की बोली भी लगाते सियासत में,
किसान भी दाँव चढ़ जाते सियासत में,
बदल डाले नवयुवक समाज को,
अधर में अटका भारत सियासत में।

✍   डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल

Comments

Popular posts from this blog

वर्णमाला

[18/04 1:52 PM] Rahul Shukla: [20/03 23:13] अंजलि शीलू: स्वर का नवा व अंतिम भेद १. *संवृत्त* - मुँह का कम खुलना। उदाहरण -   इ, ई, उ, ऊ, ऋ २. *अर्ध संवृत*- कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर। उदाहरण - ए, ओ ३. *विवृत्त* - मुँह गुफा जैस...

वर्णों के 8 उच्चारण स्थान

कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द व्युत्पत्ति का अर्थ है ~ विशेष प्रयास व प्रयोजन द्वारा शब्द को जन्म देना| यह दो प्रकार से होता है~ १. अतर्क के शब्द (जिनकी बनावट व अर्थ धारण का कारण ...