🙏 भाषा 🙏🏻
"भाषा विचारों एवं भावों के संप्रेषण का एक माध्यम है।"
🙏 मानक परिभाषा👇👇👇
भाषा~ वह माध्यम; जिससे हम अपने विचारों और भावों का आदान-प्रदान (संप्रेषण) करते हैं, भाषा कहलाता है |
भाषा के दो रूप हैं~
१. प्रत्यक्ष भाषा
२. परोक्ष भाषा
🙏 जैसे मुद्रा ~
१. प्रचलित (मूल्यवान)
२. अप्रचलित (मूल्यहीन)
टीक वैसे ही भाषा के दो रूप है जी~
१. प्रत्यक्ष. और २. परोक्ष
🙏 पहला रूप ~ प्रत्यक्ष~
इसमें समान भाषी एक साथ हों और 'संप्रेषण' (आदान-प्रदान) होता है|
🙏 दूसरा रूप ~ परोक्ष~
इसमें असमान भाषी एक साथ हों और 'अभिव्यक्ति' (प्रकटीकरण मात्र) होता है|
प्रचलित मुद्रा (मूल्यवान) अर्थात दोनों ओर से समान भाषी का होना उस भाषा को प्रचलित (मूल्यवान) बनाता है और यही भाषा का प्रत्यक्ष रूप हुआ |
इसी प्रकार,
अप्रचलित मुद्रा (मूल़्यहीन) अर्थात केवल एक ओर से ही चलन उस मुद्रा को प्रचलित (मूल्यहीन) बनाता और यही भाषा का परोक्ष रूप हुआ |
पहला प्रकार है ~
(1) सांकेतिक भाषा
यह भी दो प्रकार की है ~
(क). शारीरिक हाव-भाव
हाव ~ शारीरिक भंगिमा
भाव ~ मुखाकृति
तो हाव= शरीर के किसी अंग से बात पहुँचाना
और
भाव=मौन रहने पर भी मुख-मुद्रा से बात पहुँचना
(ख) संकेत-प्रतीक
संकेत = सीधी रेखाओं से बात पहुँचाना।
प्रतीक = वक्र या गोल रेखाओं से या चित्रों से बात पहुँचाना
(2) मौखिक भाषा = बोलकर
विशेष~
१. सांकेतिक व २. मौखिक.
ये दोनों प्राथमिक (शुरुआती क्रम से) और अनिवार्य (जरुरी) है, पर फिर भी अप्रमाणिक (सिद्ध नहीं) है |
क्योंकि क्या कह दिया और क्या संकेत किया ; यदि हम या कोई भी माने ही नहीं तो हम लाख प्रयत्न करके भी सिद्ध नहीं कर सकते |
(3) लिखित भाषा~ लिखने वाली भाषा
यह द्वितीयक (दूसरे स्थान पर) और आवश्यक (जरूरत के अनुसार होने वाला) है, पर प्रामाणिक (सिद्ध) है |
क्योंकि जो लिख दिया गया, उसे अस्वीकार करना असंभव है |
फोटो खेंचना या रिकार्ड करना भी लिखित का रूप है |
वस्तुत: पहले अक्षर होते है, फिर वर्ण
नाम से देखिए~ अक्षर=अ+क्षर, जो क्षर (घटना\कम होना) न हो अर्थात अक्षर सबसे छोटे स्तर पर है, जिन्हें हल् व्यंजन ध्वनि कहा जाता है |
अक्षर का सबसे बड़ा गुण है ~अनुच्चारित रहना |
और वर्ण ~उच्चारित होते हैं |
🙏
सभी स्वर व स्वरान्त व्यंजन ही वर्ण है |
हिन्दी वर्णमाला में कुल ५२ (बावन) वर्ण हैं |
वर्ण
अक्षर के साथ स्वर मिलकर उच्चारण में वर्ण बनते हैं।
अक्षर सबसे छोटी इकाई है।
अक्षर+ स्वर= वर्ण
अर्थात~
भाषा की सबसे छोटी इकाई *वर्ण* है |
ये दो प्रकार के होते हैं ~
१. स्वर २. व्यंजन
१. स्वर
स्वर की छोटी व परिपूर्ण परिभाषा~
स्वर = निर्बाध उच्चारण
अर्थात्~ जो वर्ण बिना बाधा के उच्चारित होते हैं , स्वर कहलाते हैं |
जय जय🙏🏻
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