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12/07/2017 पदग्रहण सम्मान समारोह की बधाई

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       सोम आभार

मित्रों !! बहुत बहुत खुश हूँ, आप सबकी कार्यप्रणाली देखकर और पदग्रहण व वचनबद्धता समारोह की आप सबको हार्दिक बधाई देता हूँ। जो भी जिम्मेदारी मुझे दी जायेगी उसे पूरे मनोयोग से निभाऊंगा।

पद से आश्रय जिम्मेदारी और वचनबद्धता अर्थात कर्तव्यनिष्ठा जिसका प्रमाण हमें हमारे अलावा कोई नही दे सकता है। सभी अति कुशल और सर्वथा योग्य मित्रों को यथायोग्य जिम्मेदारी प्राप्त होने की पुनः हार्दिक बधाई, निश्चय ही हम सब अनंत पथ की ओर अग्रसर हो रहे हैं जो कभी खत्म नही होगा।
   
       ~ शैलेन्द्र खरे सोम
🍀☘🌹🌹🌹🌹🌹👏👏👏👏👏👏👏👏

         आस आभार

परम प्रिय भगत श्री, राहुल जी, नमन जी, विकास जी, अलबेला जी और दिलीप जी को भाव भीनी हार्दिक बधाई जिनके प्रयत्न का फल यह कार्यक्रम है।

सभी अनुजों को  जो सहयोगी रहे और मैं जिनका नाम न ले सका क्षमा के साथ मैं उन सभी को बधाई देता हूँ और विश्वास करता हूँ कि पटल पर इसी जोश के साथ कार्य करते हुए पटल को असीमित उंचाइयों तक ले जायेगे।

   कौशल कुमार पाण्डेय आस जी
          सधन्यवाद
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

    मुस्कान आभार

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पटल के सभी पदाधिकारियों, गुणिजनों को मैं हृदय तल से स्वागत करती हूँ, अभिवादन करती हूँ व बधाई देती हूँ।
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आ• एकता जी, आ• सुदीप जी, आ• दिव्य जी, आ• सोम जी, आ• आस जी, आ• भावना जी,आ• सिद्धि जी, आ• पीयूष जी, आ• शुक्ला जी आदि सभी को ढेर सारी बधाई !

आशा है मेरी ओर से सभी स्थान मिलाकर सभी को बधाई मिल गई होगी।
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सुशीला धस्माना 'मुस्कान'

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कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं   ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म)  =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~

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