यहाँ तीन चिह्न हैं , इनसे वर्णों के उच्चारण को समझते हैं ~
१. चिह्न है~~~ ⬆ बड़ा वर्ण (अधिक समय, यानि स्वर चढ़ाना)
२. चिह्न है ~~~ ⬇ छोटा वर्ण (कम समय, यानि स्वर दबाना)
३. चिह्न है ~~~ 🔛 मध्य वर्ण (सामान्य समय , यानि कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं)
तो ~ ( वर्ग वर्णों में ~पहला, तीसरा वर्ण ⬇, दूसरा चौथा ⬆ व पाँचवा 🔛,समझ कर बोलने का अभ्यास हो )
व्यंजन ~ ३३
(स्पर्श -२५ + अन्तस्थ-४ + ऊष्म-४ = ३३)
स्पर्श\वर्ग वर्ण\वर्गीय व्यंजन ~२५ (पाँच वर्ग - प्रथम वर्ण से वर्ग का नाम होगा )👇
क वर्ग~ क , ख, ग, घ, ङ
च वर्ग~ च, छ, ज, झ, ञ
ट वर्ग~ ट, ठ, ड, ढ, ण
त वर्ग~ त, थ, द, ध, न
प वर्ग~ प, फ, ब, भ, म
(अन्तस्थ में चारों 🔛 )
अन्तस्थ-४ 👇
य, र, ल, व (सही क्रम होता है~य, व, र, ल)
(ऊष्म में ~ ⬆⬇↔↔)
ऊष्म -४ 👇
श, ष, स, ह
तो ~ २५+४+४=३३ व्यंजन
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संयुक्त व्यंजन-४ 👇
(संयुक्त में ~ ⬇⬇⬇⬆)
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
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उत्क्षिप्त\ताड़नजात-४ 👇 (⬆⬆)
ड़, ढ़
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वर्णमाला में कुल स्वर -१३ 👇
(स्वर में क्रमश: ⬇⬆ (ऋ को ↔) पुन: ⬇⬆)
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अ:
= वर्णमाला में वर्ण ~ 👇
स्पर्श-२५ + अन्तस्थ-४ + ऊष्म-४ + संयुक्त-४ + उत्क्षिप्त-२ + स्वर-१३ = कुल ५२
यह है हमारी वर्णमाला का उच्चारण विधान 😀☝
🙏 जय-जय
मित्रों,
हिन्दी वर्णमाला में कुल वर्ण ५२ (बावन) है, परन्तु संयुक्त वर्णों का प्रथमाक्षर वर्ग-वर्ण में होने से इनका अलग से उच्चारण स्थान नहीं होता |
ऐसे ही ड़ व ढ़ (उत्क्षिप्त) भी वर्ग वर्ण (ट में) आ जाते हैं, अत: इनका भी अलग से उच्चारण-स्थान नहीं होता |
तो ~ ५२ -४ (संयुक्त)=४८
और ४८-२ (उत्क्षिप्त)=४६ (छियालीस)
यानि कि ४६ (छियालीस) वर्ण ही उच्चारण स्थान तालिका में आते हैं |
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कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं~
१. कण्ठ
२. तालु
३. मूर्धा
४. दन्त
५. ओष्ठ
६. कंठतालु
७. कंठौष्ठ
८. दन्तौष्ठ
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🔰 अनुस्वार या नासिका अतिरिक्त (वर्ग के पंचम वर्ण के हल् रूप के लिए)
🙏 जय-जय
Very nice notes
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