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कठिन शब्द

     कठिन शब्दों का भण्डार

१, शुद्धौदन (सही रूप से पके हुये चावल)
🙏 पहले के अर्थ में विसंगति रही जी😩

२. चरणायुध (चरणों से प्राप्त आयुधीय कृपा)

३. कौस्तुभ (एक प्रकार का रत्न विशेष, जो श्री विष्णु ने धारण किया है |)

४. पित्रुपदेश (पिता के उपदेश)

५. अध्यधीन (किसी के अधीन रहने की बाध्यता)

काठिन्य प्रकरण के शब्द

1) दुर्दिन
2) उल्लंघन
3)प्रक्रिया
4) संसर्ग
5) सद् गति
6) अन्तर्राष्ट्रीय

१. परिमार्जित (जिसे सुधारा गया हो )
२. पुनरवलोकन (फिर से अवलोकन करना)
३. फाल्गुन (एक हिन्दी माह व अर्जुन का एक नाम , जो केवल द्रोपदी कहा करतीं थी )
४. उज्ज्वल (पूरी तरह से आभायुक्त)
५. मरीचिका (भ्रम)
६. मुमुर्षु (मोक्ष का इच्छुक)
७. याज्ञवल्क्य (यज्ञ का होता, एक पौराणिक ऋषि)

१. कौशल्या (कौशल राज की (कन्या) है जो, वह)

२. तात्कालिक (तत्काल या उस (संकेत) समय का)

३. उद्देश्य ( उसको (विषय या बात) को लेकर तय की गई व्यवस्था)

४. विसंगति (विपरित संगति\या सही के भ्रम में विपरित मिलाप)

५. व्यतिपात ( विपरित ओर से बहुत अधिक गिरावट)

६. अबादान (जल के संकल्प से किया दान)

७. उल्लेखना (जो पूर्व में उल्लेख कर दिया गया है\स्थापित तथ्य)

१. विपर्यय (परिवर्तन\बदलाव)

२. वैवर्ण्य (निराभ\कांतिहीन\शुष्क)

३. उपनिवेशिका (छोटी गली)

४. सामर्थ्य (पूर्ण योग्यता)

५. दोग्धक (दोहा)

६. अन्त्यानुप्रास (अनुप्रास अलंकार का एक भेद)

७. शारदालय (पाठशाला)

१. पिपिलिका (च्यूँटी\चींटी)
२. शारीरिक (शरीर से संबंधित)
३. झूँठ (असत्य)
४. स्वास्थ्य (स्वस्थता से संबंधित)
५. पुनरवलोकन (फिर से अवलोकन करना\गहराई से देखना )

ज्योत्स्ना~ चाँदनी

कौमुदी~शरद-पूर्णिमा की रात

विलक्षण~ विशिष्ठ लक्षण से युक्त

वैधव्य~विधवापन

आस्वाद~ स्वाद रहने तक

१. पारिभाषिक (परिभाषा से युक्त)

२. परिमाण (मात्रा-माप, नाप व तौल की)

३. वृद्धि (बढ़त)

४. अबादान (जलयुक्त होकर किया गया दान)

(अपादान ~नहीं बोला जी😊)

५. व्यष्टि ~ एकात्मता

१. विपर्यय (परिवर्तन\बदलाव)

२. वैवर्ण्य (निराभ\कांतिहीन\शुष्क)

३. उपनिवेशिका (छोटी गली)

४. सामर्थ्य (पूर्ण योग्यता)

५. दोग्धक (दोहा)

६. अन्त्यानुप्रास (अनुप्रास अलंकार का एक भेद)

७. शारदालय (पाठशाला)

सही शब्द हैं~

१. वैधव्य (विधवापन)

२. गांगेय (गंगा के पुत्र , भीष्म)

३. प्रत्युत्पन्नमति (तत्काल कहने वाला, हाज़िरज़वाब)

४. संकर्षण (कृष्ण के अग्रज, बलराम)

५. पारिभाषिक (जिनकी परिभाषा होती ही है )

६. न्यून (थोड़ा\कम)

७. चमूर्जा (सेना का बल)

[09/08/2017]  के कठिन शब्द

१. अर्ध्य (हवन या समर्पण सामग्री)

२. अन्योन्य (एक-दूसरे से मिले हुए, एकाकार)

३. अराति (शत्रु)

४. दुर्जात (व्यसन\अनौचित्य)

५. दिनान्ध (जिसे दिन में न दिखे)

६. नाक (स्वर्ग)

७. धन्व (मरुस्थल\तट\आकाश)

८. सीकर (रजकण)

९. श्वपच (चाण्डाल)

नवजात ~ जैविक प्रक्रिया से जन्म\जन्म से आठ मास तक का शिशु

प्रत्युत्पन्न ~  दूसरा जन्म या जो पुन: किसी प्रकार से जन्म ग्रहण करता हो (जैसे यज्ञोपवित कर्म)/ समय पर उत्पन्न (विचारादि)

🙏 जय-जय

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कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि)  २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं   ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म)  =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~

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