दिनांक - 12/08/2016 (शुक्रवार)
विषय - दुश्मन/ बैरी/ शत्रु
बैरी का भी हो कल्याण ,
ऐसा भाव हमें दें माँ ,
अनजान पहचान बना लेवें ,
ऐसा मधुहास हमें दें माँ ,
शत्रु भी बनें मित्र ,
ऐसी झंकार हमें दें माँ ,
मातृभूमि के दुश्मन से ,
लड़ने का साहस हमें दें माँ ,
जग सेवा का हो कर्म ,
श्रम का सामर्थ्य हमें दें माँ ,
प्रेम सुधारस महकायें ,
वो मलय पात्र हमें दें माँ ।।
साहिल
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