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धार छन्द

◆धार छंद◆

शिल्प~
[मगण लघु]
(222   1)
4 वर्ण प्रति चरण,
4 चरण,2-2 चरण स्मतुकांत।

अत्याचार।
भ्रष्टाचार।।
का है जोर।
चारों ओर।।

सारे लोग।
झेलें रोग।।
हों लाचार।
खाएँ मार।।

नेता नीच।
आँखें मीच।।
फैला कीच।
राहों बीच।।

पूँजी जोड़।
माथा मोड़।।
भागे छोड़।
वादा तोड़।।

आशा नाहिं।
लोगों माहिं।।
भारी जोग।
का संजोग।।

नारी आज।
खोती लाज।।
ना आवाज।
कैसा राज?

बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया
10-03-2017

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