☆ परिचय ☆
नाम - डाॅ•राहुल शुक्ल
पिता - श्री बुद्धि नारायण शुक्ल एवं
माता - श्रीमती कान्ती शुक्ला
शैक्षणिक योग्यता - स्नातक कला 2006
उ•प्र• राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय इला•
व्यवसायिक योग्यता - बी•एच•एम•एस 2008 जीविजी विश्वविद्यालय ग्वालियर म•प्र•
साहित्य प्रकाशन - 1-2 बार मासिक स्थानीय पत्रिकायों में,
अनुज भ्राता ♧
▪ मृदुल शुक्ल (एम बी ए)
▪ अतुल शुक्ल (नेत्र सहायक)
▪ उत्कर्ष शुक्ल (बी•टेक अन्तिम)
बहन ♧
▪ पूजा शुक्ला (पी•जी) विवाहित
उद्देश्य - पिछड़े क्षेत्र एवं ग्रामीण व शहरी
लोगों की चिकित्सकीय सेवा व
उचित सलाह
रूचि - वैज्ञानिक अध्यात्मवाद, हिन्दी
साहित्य अध्ययन व लेखन,
सर्वेक्षणात्मक भ्रमण आदि,
पत्नी - कान्तिप्रभा शुक्ला शिक्षिका
सन्तान - पुत्र (6वर्ष) अंशुल शुक्ल
☆卐वर्तमान संक्षिप्त कार्य विवरण 卐☆
संजीवनी वेलफेयर सोसायटी के मिशन हेल्दी इंडिया परियोजना को बढ़ाते हुये इलाहाबाद के 20 ब्लाकों में से 12 ब्लाकों , कौशाम्बी के 8 ब्लाकों और अमेठी के 8 ब्लाकों में कराये गये होम्योपैथिक शिविरों एवं ओपीडी में न्यूनतम खर्च पर जुलाई 2014 से सेवा कार्य व होम्योपैथिक, प्राकृतिक दवाइयों व उचित सलाह द्वारा प्रतिवर्ष 2000 से उपर लोगों को स्वास्थ्य लाभ व सन्तुष्टि दे रहा हूँ ।जिसके साथ साथ अपनी व्यक्तिगत क्लीनिक को भी संचालित करने की कोशिश होती रहती है।
लिखने, पढ़ने, ज्ञानवर्धक भ्रमण असहाय अशक्तो की चिकित्सकिय सेवा व व्यक्तिगत मदद के अलावा मुझे आध्यात्मिक अध्ययन की विशेष रूचि 12 साल की उम्र से ही है।
वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के अध्ययन की विशेष रूचि एवं ज्ञान को बढ़ाने की कोशिश प्रयासरत है।
डाॅ• राहुल शुक्ल
परामर्शीय चिकित्सक
H.O.D.DOCTOR PANEL
[संजीवनी वेलफेयर सोसायटी]
302/4 शिवकुटी, तेलियलगंज, इलाहाबाद,
उ•प्र• 211004
ई• मेल - rsrahulshukla9@gmail.com
मोबाइल- 8858344659, 9369172742
कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि) २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म) =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~
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