देशभक्ति का आज चलो गुणगान करें
जिस देश जाति में जन्म लिया,
उसका ही गुणगान करें
जिस धरती पर जन्म लिया
उस संस्कृति का सम्मान करें
जिस धरती का अनाज है खाया
उस समृद्धि का ध्यान रहे
जिन गलियों में बड़े हुए
उन रास्तों का संज्ञान रहें
जिनके अनुभव से कदम बढ़ें
उसका हमें अभिमान रहे
बुरी नजर किन लोगों की
उन लोगों पर भी ध्यान रहे
घुसपैठियै सेंध वही लगाते हैं
अन्न जहां का खाते है
सेना की रक्षा गौरव का अभिमान रहे
जिस देश में हमने जन्म लिया
उसकी रक्षा का भान रहे
मातृभूमि की शान रहे
संस्कृति का उत्थान रहे
देशभक्ति का आज चलो गुणगान करें।।
साहिल
कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि) २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही है ५. ओष्ठ~ ये जानते ही हैं ६. कंठतालु~ कंठ व तालु एक साथ ७. कंठौष्ठ~ कंठ व ओष्ठ ८. दन्तौष्ठ ~ दाँत व ओष्ठ अब क्रमश: ~ १. कंठ ~ अ-आ, क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), अ: (विसर्ग) , ह = कुल ९ (नौ) वर्ण कंठ से बोले जाते हैं | २. तालु ~ इ-ई, च वर्ग (च, छ, ज, झ, ञ) य, श = ९ (नौ) वर्ण ३. मूर्धा ~ ऋ, ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र , ष =८ (आठ) वर्ण ४. दन्त ~ त वर्ग (त, थ, द, ध, न) ल, स = ७ (सात) वर्ण ५. ओष्ठ ~ उ-ऊ, प वर्ग (प, फ, ब, भ, म) =७ (सात) वर्ण ६. कंठतालु ~ ए-ऐ = २ (दो) वर्ण ७. कंठौष्ठ ~ ओ-औ = २ (दो) वर्ण ८. दंतौष्ठ ~ व = १ (एक) वर्ण इस प्रकार ये (४५) पैंतालीस वर्ण हुए ~ कंठ -९+ तालु-९+मूर्धा-८, दन्त-७+ओष्ठ-७+ कंठतालु-२+कंठौष्ठ-२+दंतौष्ठ-१= ४५ (पैंतालीस) और सभी वर्गों (क, च, ट, त, प की लाईन) के पंचम वर्ण तो ऊपर की गणना में आ गए और *ये ही पंचम हल् (आधे) होने पर👇* नासिका\अनुस्वार वर्ण ~
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