देशभक्ति का आज चलो गुणगान करें
जिस देश जाति में जन्म लिया,
उसका ही गुणगान करें
जिस धरती पर जन्म लिया
उस संस्कृति का सम्मान करें
जिस धरती का अनाज है खाया
उस समृद्धि का ध्यान रहे
जिन गलियों में बड़े हुए
उन रास्तों का संज्ञान रहें
जिनके अनुभव से कदम बढ़ें
उसका हमें अभिमान रहे
बुरी नजर किन लोगों की
उन लोगों पर भी ध्यान रहे
घुसपैठियै सेंध वही लगाते हैं
अन्न जहां का खाते है
सेना की रक्षा गौरव का अभिमान रहे
जिस देश में हमने जन्म लिया
उसकी रक्षा का भान रहे
मातृभूमि की शान रहे
संस्कृति का उत्थान रहे
देशभक्ति का आज चलो गुणगान करें।।
साहिल
कुल उच्चारण स्थान ~ ८ (आठ) हैं ~ १. कण्ठ~ गले पर सामने की ओर उभरा हुआ भाग (मणि) २. तालु~ जीभ के ठीक ऊपर वाला गहरा भाग ३. मूर्धा~ तालु के ऊपरी भाग से लेकर ऊपर के दाँतों तक ४. दन्त~ ये जानते ही ...
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