💃 पायल/ पाजेब 💃
हर घर में पायल की खनकार जरुरी है,
रिश्तों में स्नेह की झनकार जरुरी है,
दिल उनका हम यूही दुखा नही सकते,
नारी के सम्मान का सहकार जरुरी है।
कैसे समझते है हम पाजेब की झन झन,
मन दुखी हो तो पायल बजती है घन घन,
पैर बोलें नारी मन, जब पहने वो पायल,
दिल खुशी तो पायल बजती है छन छन।
माता की पाजेब सुनकर मैं खड़ा हुआ,
बहना की पाजेब सुनकर मैं बड़ा हुआ,
समझे हम तो है खनक में नारी का जीवन,
संगिनी की पाजेब में घुँघरू जड़ा हुआ।
सैनिक से पूछे कोई पायल की झुन झुन,
विधवा से पूछे कोई पायल की रुन झुन,
अचानक ही रूठ जाता जिसका भी ईश्वर,
उस बेजान घर से पूछो पायल की खन खन।
मोहब्बत की कहानी में, पायल भी आती है,
यादों की रव़ानी में, पायल भी आती है,
कोई कह नही सकता कि, सूरत सुहानी है,
प्रेम की निशानी में, पायल भी आती है।
अब पायल की खनक से रुख समझ लेता हूँ,
तुम्हारी चहल पहल को परख लेता हूँ,
यू हीं मेरा जीवन, सुर ताल से भर दो,
बातें जब नहीं करती आहट अरख लेता हूँ।
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
पायल की झनकार जरूर पढ़े।
ReplyDeleteभावपूर्ण सृजन है कृपया आशीर्वाद दें।
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