श्री नित्यानंद पाण्डेय मधुर जी का व्यक्तित्व
क्षणिक सुख और लम्बे समय तक दुख मिलने वाले जीवन की डोर यदि कोई मन व भावनायें समझने वाला साथी थाम लें, तो जीवन पथ सुगम हो जाता है।स्वभाव में जिसके स्नेह अपनत्व व लगाव हो, वही आज के युग में सच्चा साथी है, वरना कलियुग में लोगों के पास अपने लिए भी समय नही हैं,
जाने क्या कमाने में लगे है लोग,
सुख और पैसे के पीछे भगे जा रहे है।
ऐसी कल्पनाओं के सागर में गोते लगाते हुए "साहित्य संगम संस्थान" से जुड़ने का मौका मिला, जैसे साहित्यिक अभिरुचि को पंख लग गये, बहुत से स्नेहिल आत्मिक साहित्यकार साथी मिलें जिसमें से एक व्यक्तित्व सबसे प्रिय, सबसे अलग, सबसे मृदुभाषी, एवं स्नेहिल लगे जो सदैव दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं, अपना कार्य छोड़ कर दूसरों की मदद करने वाला व्यक्ति कितना उम्दा होगा।
साहित्य संगम संस्थान में उनके ओजस्वी, तेज, सकल एवं मिलनसार व्यक्तित्व को देखते हुये परामर्शदाता / सलाहकार के पद पर सुशोभित किया गया जिसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया एवं कर रहे हैं। ऐसे अद्भुत अद्वितीय एवं विलक्षण व्यक्तित्व का नाम श्री नित्यानंद पाण्डेय मधुर है, आपके पिता स्व• जगदीश चन्दन पाण्डेय जी थे एवं माता श्रीमती कुन्ती देवी हैं।
तीन भाइयों में सबसे छोटे मधुर जी सबके प्रिय हैं।
जनहित जो जीते हैं उन्हें बारम्बार सलाम है,
मधुर प्रेम बरसाते हैं उन्हें कोटि कोटि प्रणाम है,
जनहित ही जो जान गँवाते हैं उन्हें कोटि कोटि प्रणाम है।
साहित्य की लगभग सभी विधाओं (कविता, गीत, गद्य, छन्द, मुक्तक, दोहा,गज़ल आदि) में लिखने वाले श्री नित्यानंद पाण्डेय मधुर जी का जन्म (ग्राम व पोस्ट -कुशहरी, जिला देवरिया, उ• प्र•) में 22 जनवरी 1982 को हुआ।
आपकी रचनाओ से हिन्दी भाषा प्रेम, भाईचारा व सद्भाव झलकता है।
अम्बा बैठी गुजरात ,
बनासकांठा दांता में।
पद यात्रा भादव में ,
करने को जाइये।।
कोई चला अब खेण ,
ब्रह्मा के तरफ अब।।
चित्रसण जय माता ,
बोलो यह गाइये।।
क्रमशः •••••••
प्रस्तुत घनाक्षरी छन्द एवं गुजराती शब्दों के समावेश से आपके गुजराती भाषा ज्ञान की जानकारी मिलती है।
◆उड़ियाना छंद [सम मात्रिक]◆
मधुर मिलन के दिन हैं,
उसी जगह मिलना।
मेरी सजनी बनकर,
कलियों के सम खिलना।।
कहती चटक चाँदनी,
मधुर मिलन रजनी।
गंधिल कर देना तुम
दिल उपवन सजनी।।
क्रमशः•••••••
वीर एवं ऋंगार रस पर भी अच्छी पकड़ होने से मधुर जी के मनभावन मधुमय लेखन प्रशंसनीय हैं।
राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में आपकी रचनायें प्रकाशित होती रहती है।
आप जैसे अद्भुत दैविक व आत्मिक गुणों से परिपूर्ण सहृदय व्यक्ति एवं उम्दा साहित्यकार के उज्ज्वल भविष्य की हम सदा कामना करते हैं।
धन्यवाद
डाॅ• राहुल शुक्ल साहिल
302/4 शिवकुटी तेलियरगंज, इलाहाबाद, उ• प्र• 211004
ईमेल ~ rsrahulshukla@gmail.com
फोन नं• ~ 8858344659
~ 7843954201
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