22/07/2016
♢ युवा अभिमान ♢
हिन्द देश के युवा तुम ,
संस्कृति के उत्थान हो ,
रोक कोई सकता न तुमको ,
तुम जीवन के सम्मान हो ,
क्यूं डरते हो क्यूं हटते हो ,
डगर भी तुमसे छोटी है ,
मान तुम्हारा है अनन्त ,
सबका तुम अभिमान हो।
रोक तुम्हें सकता है कौन ,
ठान लो मन में जीत तुम ,
तुम किशोर हो सम्वर्धन के ,
मुश्किल के विध्वंश हो ,
पर्वत भी चढ़ सकते हो ,
राह सुगम बना लोगे ,
मान तुम्हारा है अनन्त ,
सबका तुम अभिमान हो ।
पिता का सम्मान हो तुम ,
प्रतिभा कौशल का तेज हो ,
उम्मीदें आकाश सी अनन्त
होता है जीवन परिवर्तन ,
दुख का कर दो पूर्ण अन्त ,
सुख का सागर हो अनन्त ,
मान तुम्हारा है अनन्त ,
सबका तुम अभिमान हो ।
साहिल
धन्यवाद
जय हिन्द जय भारत
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